बचपन में अनाथ हुए अरशद वारसी:पेट पालने के लिए मेकअप बेचा
इंडस्ट्री में अरशद जाना पहचाना नाम हैं। हालांकि, उनके लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था। बचपन में मां और पिता के गुजर जाने के बाद अरशद का सफर और मुश्किल हो गया था, लेकिन अरशद ने हार नहीं मानी एक-एक कर अपने सपने पूरे किए। छोटे-छोटे काम करके अपने डांस के शौक को पूरा किया। इसके बाद अरशद इंडस्ट्री में आए। अरशद कई बार विवादों में भी फंसे। उनका नाता कई बड़े विवादों से रहा है।
अरशद वारसी का जन्म 19 अप्रैल 1968 में मुंबई में हुआ। अरशद मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अरशद ने बार्नेस स्कूल से पढ़ाई की। बचपन में मां को खो चुके अरशद महज 14 साल की उम्र में पिता की मौत के बाद अनाथ हो गए। पिता के जाने के बाद उनका रहना खाना भी मुश्किल हो गया था। घर चलाने के लिए अरशद ने दसवीं में ही पढ़ाई छोड़ दी और छोटी-मोटी नौकरी करना शुरू कर दिया।
घर-घर जाकर बेचे मेकअप प्रोडक्ट्स
17 साल की छोटी उम्र में अरशद ने एक कॉस्मैटिक्स कंपनी में बतौर सेल्समैन की नौकरी की। कुछ समय बाद अरशद एक फोटो लैब में काम करने लगे। अरशद बचपन से ही डांस के शौकीन थे। आर्थिक हालत सुधरने के बाद अरशद ने अपना सपना पूरा करने का सोचा। टैलेंट की बदौलत अरशद ने अकबर सामी डांस ग्रुप जॉइन किया। इसके बाद अरशद ने ठिकाना और काश फिल्मों में बतौर कोरियोग्राफर काम किया।
21 साल की उम्र में खोला डांस स्टूडियो
अरशद को शुरू से ही डांसिंग का शौक था, उन्होंने अपने डांसिंग करियर में मुकाम हासिल किया। साल 1991 में अरशद ने इंडिया डांस कॉम्पिटिशन जीता। इसके बाद 1992 में 21 साल की उम्र में लंदन डांस कॉम्पिटिशन जीता और उन पैसों से अपना खुद का डांस स्टूडियो ऑसम खोल लिया। इसके बाद अरशद ने फिल्म रूप की रानी चोरों का राजा के टाइटल ट्रैक के लिए बतौर कोरियोग्राफर काम किया।
जया बच्चन ने अरशद को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का अल पचीनो कहा
अरशद बतौर कोरियोग्राफर तो अपनी जगह इंडस्ट्री में बना चुके थे, लेकिन अभी उनका एक्टिंग का सफर बाकी था। अरशद को एक्टर बनाने में जया बच्चन का हाथ था। अरशद डांस कोरियोग्राफ कर रहे थे तभी जया बच्चन की नजर उन पर पड़ी। उस समय अमिताभ बच्चन ने ABCL प्रोडक्शन हाउस खोला था और उनको फिल्म तेरे मेरे सपने (1996) के लिए फ्रेश चेहरे की तलाश थी। जया ने अरशद को कास्ट कर लिया। इस फिल्म का गाना आंख मारे जबरदस्त हिट हुआ और अरशद को बतौर एक्टर भी पहचान मिल गई। जया बच्चन ने जब अरशद को पहली बार देखा तो कहा था कि यह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का अल पचीनो बनेगा।
सर्किट के रोल से मिली अलग पहचान
पहली फिल्म के बाद अरशद ने कई फिल्मों में काम किया। लेकिन उन्हें पहचाना गया साल 2003 में आई फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस से। फिल्म में अरशद, संजय दत्त के साथ नजर आए थे।
इस फिल्म में अरशद ने सर्किट का रोल अदा किया। उनके इस किरदार को काफी पसंद किया गया और उनको लोग सर्किट के नाम से जानने लगे थे। अरशद ने एक इंटरव्यू में कहा, अगर मुझे ये फिल्म नहीं मिलती तो शायद मेरा करियर खत्म हो जाता। इसके बाद अरशद हलचल, सलाम नमस्ते, गोलमाल, धमाल, लगे रहो मुन्ना भाई, क्रेजी 4 जैसी फिल्मों में नजर आए।