MNS अध्यक्ष राज ठाकरे की बैंक एसोसिएशन को चिट्ठी:लिखा- मराठी में काम करने का निर्देश दें
मुंबई। राज ठाकरे ने 30 मार्च को गुड़ी पड़वा रैली में मराठी को अनिवार्य बनाने की मांग की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि जो लोग जानबूझकर मराठी नहीं बोलते उन्हें थप्पड़ मारा जाएगा।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) अध्यक्ष राज ठाकरे ने शीर्ष बैंक निकाय इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह बैंकों को मराठी में काम करने निर्देश का दें। ऐसा न करने पर उनकी पार्टी अपना आंदोलन तेज करेगी।
MNS नेताओं ने 9 अप्रैल को IBA अधिकारियों को यह चिट्ठी सौंपी। ठाकरे ने यह भी लिखा कि अगर बैंक अपनी सेवाओं में तीन भाषा फार्मूले (अंग्रेजी, हिंदी और स्थानीय भाषा यानी मराठी) का पालन नहीं करते तो हालात बिगड़ने पर बैंक खुद जिम्मेदार होंगे। चिट्ठी में में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी और निजी बैंकों में स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल को लेकर सर्कुलर जारी किया है।
इससे पहले ठाकरे ने 5 अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं से मराठी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए आंदोलन को फिलहाल रोकने के लिए कहा था। ठाकरे ने 30 मार्च को गुड़ी पड़वा रैली में मराठी को अनिवार्य बनाने की मांग की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि जो लोग जानबूझकर मराठी नहीं बोलते उन्हें थप्पड़ मारा जाएगा।
बैंक यूनियंस ने CM फडणवीस को चिट्ठी लिखी थी
महाराष्ट्र में बैंककर्मियों ने 4 अप्रैल को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की थी। राज्य भर के बैंकों में कर्मचारियों पर हमले की कई घटनाओं के बाद बैंक यूनियन ने सीएम को चिट्ठी लिखी थी।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने चिट्ठी में लिखा था कि MNS कार्यकर्ता बैंकों में आकर कर्मचारियों को धमका रहे हैं। कार्यकर्ता बैंक के सभी डिस्प्ले बोर्ड मराठी में लगवाने और कर्मचारियों से सिर्फ मराठी बोलने के लिए दबाव बनाते हैं। चिट्ठी में उन पर हुए हमलों का भी जिक्र है।
यूनियन ने लिखा कि अधिकतर बैंकों में तीन आधिकारिक भाषाओं में डिस्प्ले बोर्ड हैं, जिनमें मराठी शामिल है। ज्यादातर कर्मचारी मराठी भाषी हैं, लेकिन कुछ अधिकारी मराठी नहीं बोल पाते। उन अधिकारियों से सभी 22 मान्यता प्राप्त भाषाओं में पारंगत होने की उम्मीद करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
मामले में CM फडणवीस ने कहा था कि मराठी भाषा के इस्तेमाल पर जोर देना गलत नहीं है। लेकिन कोई कानून हाथ में लेता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उचित तरीके से निपटा जाएगा।