गुस्सा और घमंड जैसी बुराइयां हमें पतन की ओर ले जाती है, छोटी सी बुराई जीवन बर्बाद कर देती है

गुस्सा और घमंड जैसी बुराइयां हमें पतन की ओर ले जाती है, छोटी सी बुराई जीवन बर्बाद कर देती है

आज 10 अप्रैल को महावीर स्वामी की जयंती मनाई जा रही है। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को 599 ईसा पूर्व, राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के घर हुआ था। उनका बाल्यकाल का नाम वर्धमान था।

महावीर स्वामी का जीवन त्याग, तपस्या, और आत्मविकास की प्रेरणा देने वाला रहा है। उनके उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने सदियों पहले थे। महावीर स्वामी से जुड़ा एक ऐसा प्रसंग है जो यह सिखाता है कि इंसान का पतन कैसे और क्यों होता है — और उससे बचने का रास्ता क्या है।

प्रसंग: बुराइयां कैसे बर्बाद करती हैं?

एक दिन महावीर स्वामी प्रवचन दे रहे थे। सभी शिष्य ध्यान से सुन रहे थे और कुछ प्रश्न भी कर रहे थे। तभी एक शिष्य ने पूछा:

“स्वामी, व्यक्ति कब अपने आचरण से गिर जाता है? क्या कोई एक कारण होता है या कई?”

महावीर मुस्कुराए और बोले:

“इसका उत्तर तुम सभी दो, फिर मैं अपनी बात कहूंगा।”

शिष्य बारी-बारी से बोले –

“अहंकार सबसे बड़ा दोष है।”

“कामवासना से सब कुछ बर्बाद हो सकता है।”

“लालच पतन का कारण है।”

“गुस्सा विनाश की जड़ है।”

महावीर स्वामी ने सभी की बातें ध्यान से सुनीं, फिर उन्होंने एक सरल पर गहरा उदाहरण दिया।

कमंडल की कथा: एक सीख जो जीवन बदल सकती है

उन्होंने पूछा:

“अगर एक कमंडल में पानी भरकर नदी में छोड़ा जाए तो क्या वह डूबेगा?”

शिष्य बोले:

“नहीं, अगर सही बना हो तो वह तैरेगा।”

महावीर जी ने फिर पूछा:

“अगर उसमें छेद कर दिया जाए तो?”

उत्तर मिला:

“फिर वह डूब जाएगा।”

महावीर ने मुस्कुराते हुए कहा:

“यही मैं समझाना चाहता हूं। हमारा शरीर कमंडल जैसा है और बुराइयां छेद जैसी। चाहे छेद छोटा हो या बड़ा, वह अंत में कमंडल को डुबो ही देता है। वैसे ही एक भी बुराई, चाहे वह गुस्सा हो या घमंड, इंसान को धीरे-धीरे पतन की ओर ले जाती है।”

सीख जो आज भी प्रासंगिक है…

महावीर स्वामी का यह उपदेश आज के समय में भी उतना ही सार्थक है। हम अक्सर सोचते हैं कि छोटी-छोटी गलतियां या नकारात्मक आदतें कोई बड़ा असर नहीं डालतीं, लेकिन यही छोटे दोष हमारे जीवन को डुबो सकते हैं।

काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या और नशा – ये सभी हमारे भीतर ऐसे छेद करते हैं जो आत्मा की शुद्धता को नष्ट कर देते हैं।

महावीर जयंती आत्मनिरीक्षण का अवसर है। इस दिन हम अपने भीतर झांक सकते हैं, और देख सकते हैं कि कहीं हमारे कमंडल यानी मन में कोई छेद तो नहीं?

“छोटा छेद भी नाव को डुबो सकता है, और छोटी सी बुराई भी जीवन को बिगाड़ सकती है।”

भगवान महावीर का ये संदेश अपने जीवन में उतारेंगे तो सभी परेशानियों से दूर रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिन्नू रानी बोली-बंगला कितनो बड़ौ है, दिग्गी ने कहा-सरकारी है     |     बीकॉम की छात्रा से रेप:मंगेतर ने शादी से इनकार किया, पीड़िता थाने पहुंची     |     इंदौर में नाबालिग बेटी दे पाएगी पिता को लिवर     |     अलका याग्निक को न्यूरो डिसीज, सुनाई देना बंद हुआ     |     मणिपुर में उपद्रवियों ने CRPF की बस में आग लगाई     |     हिंदुजा फैमिली पर घरेलू स्टाफ से क्रूरता के आरोप     |     गंभीर ने टीम इंडिया के कोच का इंटरव्यू दिया     |     ज्येष्ठ पूर्णिमा को सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने की है परंपरा     |     18 JUNE 2024     |     18 APR 2025     |     ब्राजील के खेतों में पहुंचे शिवराज,देखी आधुनिक खेती की तकनीकें     |     बैतूल में दादा की कुकर से मारकर की हत्या:पति-पत्नी के विवाद में समझाने गए थे     |     भोपाल में हिस्ट्रीशीटर बदमाशों ने किया था पत्रकारों पर हमला     |     इंदौर में बैंक को बम से उड़ाने की धमकी:मैनेजर को भेजा ईमेल, कहा- रिमोट कंट्रोल से करेंगे ब्लास्ट     |     ‘धनश्री जैसी दिखती हूं इसलिए मुझे रॉयल्टी मिलनी चाहिए     |     नड्डा की जगह कौन, शाह के घर हुई अहम बैठक     |     वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश:नियुक्तियां रोकीं     |     उपराष्ट्रपति बोले- अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं     |     यूक्रेन ने चीनी सैनिकों को मीडिया के सामने पेश किया     |