हमारी कमाई में दूसरों का भी हिस्सा है; धन, आदर और समय के रूप में मदद करते रहें

हमारी कमाई में दूसरों का भी हिस्सा है; धन, आदर और समय के रूप में मदद करते रहें
हरिद्वार। दूसरों की सेवा करना हमारी संस्कृति का मुख्य संदेश है। हमारा धर्म इसी से परिभाषित होता है कि हम हमेशा दूसरों के लाभ के लिए विचार करें, काम करें। दूसरों के मान-सम्मान की रक्षा के लिए हम काम करते रहें। हम जरूरतमंद लोगों को दान देते रहें। हमारी कमाई में दूसरों की भी भागीदारी है। धन के रूप में, आदर के रूप में, समय के रूप में दूसरों की मदद करते रहें।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमें बोलते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

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