पांढुर्णा में 201 करोड़ राम नाम से बना राम स्तंभ
पांढुर्णा। पांढुर्णा जिले में 200 साल पुराने राम मंदिर में एक विशिष्ट राम नाम स्तंभ स्थित है। यह स्तंभ 7 अप्रैल 2006 को सुबह 9 बजे स्थापित किया गया। स्तंभ में 201 करोड़ राम नाम लिखी पुस्तकें समाहित हैं।
इस स्तंभ की रचना में अंक 9 का विशेष महत्व है। स्तंभ की कुल ऊंचाई 72 फीट है। राम नाम की लंबाई और चौड़ाई 9 इंच है। स्तंभ की ऊंचाई के अंक 7 और 2 का योग भी 9 बनता है। राम नाम की पुस्तकें भी 9 के क्रम में व्यवस्थित की गई हैं।
मंदिर के संस्थापक प्रवीण पालीवाल ने बताया कि राम नाम पुस्तक लेखन का कार्य 1990 में प्रारंभ हुआ। यह कार्य 2006 तक चला। राम नवमी पर इस प्राचीन मंदिर से शोभायात्रा निकलती है। इसमें राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी की झांकियां होती हैं। हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं।
प्रतिदिन अनेक भक्त इस विशेष स्तंभ के दर्शन करने आते हैं। वे राम नाम स्तंभ को नमन करते हैं। यह स्तंभ राम भक्ति और आस्था का प्रतीक बन गया है।
2006 में बना 9 मंजिला स्तंभ, 324 राम नाम दर्ज
राम नाम स्तंभ का निर्माण 7 अप्रैल 2006 में किया गया था। जिसकी नींव सुबह 9 बजे 4 पीठ के शंकराचार्य की ओर से रखी गई थी। संस्थापक बताते हैं कि यह राम नाम स्तंभ 9 मंजिला है। इसमें 324 राम नाम अंकित है। अर्थात 3+2+4 = 9 अंक का संयोग बनता है।
राम स्तंभ के हनुमान करते हैं दर्शन
पांढुर्णा शहर के प्राचीन राम मंदिर में स्थापित राम स्तंभ में के सामने हनुमान की प्रतिमा स्थापित है। जहां से हनुमान जी 24 घंटे राम जी और राम स्तंभ के दर्शन करते दिखाई देते हैं।
मध्य बिंदू पर स्थित है पांढुर्णा
मंदिर के संस्थापक प्रवीण पालीवाल ने बताया कि भारत देश में पांढुर्णा मध्य बिंदु पर शून्य माइल पर स्थित है। इस स्तंभ पर धर्म ध्वजा भी मौजूद है।