इंदौर की मंडी में हापुस आम की आमद:रत्नागिरी से रोज आ रही 70 पेटी
इंदौर। इंदौर की चोइथराम मंडी में विश्व प्रसिद्ध हापूस (अल्फांसो) आम की आवक शुरू हो गई है। थोक में यह 300 से 400 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। एक पेटी में छह दर्जन आम आते हैं और प्रत्येक पेटी 3500 से 5000 रुपए में बिक रही है।
बढ़ती गर्मी के साथ इंदौर में आम की मांग भी बढ़ रही है। देवी अहिल्याबाई फल एवं सब्जी मंडी में महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश से आम आ रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार अप्रैल के अंत तक स्थानीय आम की विभिन्न किस्में भी मंडी में आने लगेंगी। गर्मी बढ़ने के साथ आम की मिठास बढ़ेगी और कीमतें कम होंगी।
फल व्यापारी मुन्नवर शेख के अनुसार-
महाराष्ट्र के रत्नागिरी से प्रतिदिन 60-70 पेटी हापुस आम आ रहे हैं। केरल के कोच्चि और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से बादाम, सिंदूरी और तोतापरी आम की रोजाना 20-30 टन आवक हो रही है। ये किस्में 80-100 रुपए प्रति किलो बिक रही हैं।
रत्नागिरी का हापुस आम देश का सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यहां 1 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में इसकी खेती होती है। प्रीमियम क्वालिटी का हापुस विदेशों में निर्यात किया जाता है, जबकि भारतीय मंडियों में द्वितीय श्रेणी का आम बिकता है। इस वर्ष आम की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है।
झाबुआ में भी होने लगी खेती
हापुस (अल्फांसो) आम की खेती अब झाबुआ में भी होने लगी है। इसे कृषि व बागवानी के क्षेत्र में बड़ा कदम माना जा रहा है। शासन द्वारा खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए किसानों को पारंपरिक खेती के साथ फलदार पौधे लगाने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों को भी मजबूती मिली है।
दरअसल झाबुआ से कुछ दूर स्थित ग्राम कल्लीपुरा में सुशील शर्मा ने फॉर्म हाउस पर आम की अलग-अलग प्रजाति के करीब 200 पेड़ लगा रखे हैं। कुछ साल पहले उन्होंने प्रायोगिक तौर पर हापुस आम के पौधे लगाए थे। यह देखने के लिए कि स्थानीय जलवायु में विश्व प्रसिद्ध आम पनपता है या नहीं। उनके प्रयास रंग लाए। दर्जनभर से ज्यादा पेड़ों में इस सीजन में पहली बार हापुस आम लगे हैं, जिससे किसानों के लिए कृषि के क्षेत्र में एक नया रास्ता भी खुल गया है। अब आसपास के क्षेत्रों के किसान भी हापुस आम की खेती कर सकेंगे।
आम की न्यूट्रिशनल वैल्यू
100 ग्राम आम में लगभग 60 कैलोरी होती हैं। इसका ज्यादातर हिस्सा पानी होता है। इसमें प्रोटीन, कार्ब्स और फाइबर भी होता है।