युवक को पीटा, फिर टायर-डीजल डालकर जलाया शव
बैतूल। आरोपी को रिंकेश ने नग्न कर पीटा था। इसी का बदला लेने के लिए आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया।
बैतूल में गौवंश की सूचना पुलिस को देने से नाराज एक युवक ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक युवक को नग्न कर जमकर पीटा था। इसके बाद पिटाई करने वाले युवक का मर्डर हो गया। पुलिस ने बैतूल के जंगल से इंसानी खोपड़ी, पैर की हड्डी और कड़ा बरामद किया था।
जांच में खोपड़ी कुंड बकाजन गांव के रिंकेश चौहान नाम के युवक की निकली। ये वही रिंकेश था, जिसने साल भर पहले आशीष परते नाम के युवक को अपने दोस्तों के साथ मिलकर नग्न कर पीटा था। हत्याकांड की कड़ियां एक साल पहले हुई मारपीट की इसी घटना से जुड़ी थी, जिन्हें पुलिस ने एक-एक कर सुलझाया।
इस मामले की जांच में मिले सबूतों के आधार पर पुलिस ने नाबालिग समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ की गई तो आरोपियों ने जो बताया उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। वारदात को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि आशीष परते ही निकला, जिसे रिंकेश ने नग्न कर पीटा था।
अब से चार महीने पहले मारपीट का बदला लेने के लिए उसने दोस्तों के साथ मिलकर पहले रिंकेश को अगवा किया, पीटा और फिर जब उसकी मौत हो गई, तो शव को जला दिया।
1. आदिवासी युवक को नग्न कर पीटा था
बैतूल में एक साल पहले ग्राम बासपानी के आशीष परते ने पुलिस को गोवंश तस्करी की सूचना दी थी। मामले से रिंकेश जुड़ा था। इसलिए वह आशीष से रंजिश रखने लगा। उसने मौका मिलते ही दोस्तों के साथ मिलकर आशीष की बुरी तरह पिटाई की।
11 फरवरी 2024 को इसका वीडियो सामने आते ही दो दिन बाद प्रशासन ने जिस घर में आशीष को पीटा गया था, उस पर बुलडोजर चलवा दिया था।
2. जंगल में मिली खोपड़ी, पुलिस कन्फ्यूज्ड
इसके ठीक 10 महीने बाद यानी 10 दिसंबर 2024 को शाहपुर के अर्जुनगोंदी के जंगल में जठान देव मंदिर के पास एक नाले के ऊपर पुलिस को एक जली खोपड़ी, कड़ा और पैर की हड्डी मिली। उस समय पुलिस को जरा भी अंदाजा नहीं था कि खोपड़ी किसकी है।
3. डीएनए टेस्ट से मृतक का पता लगा
बैतूल के कोतवाली थाने में 21 दिसंबर 2024 को रिंकेश चौहान निवासी कुंड बकाजन, थाना चिचोली की गुमशुदगी दर्ज की गई थी। इसमें परिजन ने रिंकेश की पहचान के लिए हाथ में कड़ा पहने होने की बात पुलिस को बताई थी।
परिजन का ब्लड सैंपल लेकर खोपड़ी को डीएनए और एफएसएल जांच के लिए भेजा गया। जांच रिपोर्ट में अर्जुनगोंदी जंगल में मिली जली हुई खोपड़ी और मृतक रिंकेश चौहान के परिजन का डीएनए मैच हो गया। इससे साफ हो गया कि खोपड़ी और हड्डी गुमशुदा युवक रिंकेश चौहान की ही थी।
4. दोस्त के घर से रिंकेश को अगवा किया
4 महीने की पुलिस जांच में पता चला कि 30 नवंबर 2024 को रिंकेश चौहान कोर्ट पेशी के लिए बैतूल गया था। वह पेशी खत्म कर मुलताई मेला देखने गया, फिर झिटापाटी गांव में अपने दोस्त गब्बर के घर रुका।
ये बात आशीष परते के भतीजे नितिन को पता लगी। इसके बाद आशीष अपने साथियों के साथ झिटापाटी गांव गया और दोस्त के घर रुके रिंकेश को अगवा कर लिया। आशीष के साथ नितिन, प्रदीप, मनीष, शिवा धुर्वे, एक नाबालिग और ड्राइवर मिंचू ने मिलकर रिंकेश को जमकर पीटा।
5. मर्डर कर डीजल और टायर से जलाया
अगवा कर आरोपी, रिंकेश को पाढर वाइन शॉप के पीछे टेकरी पर ले गए। यहां उसे दिनभर बंधक बनाकर पिटाई की। शाम को आशीष ने टायर और 15 लीटर डीजल का इंतजाम किया। इसके बाद रिंकेश को अर्जुनगोंदी के जंगल में जठान देव मंदिर के पास ले गए। यहां भी उसे बुरी तरह पीटा।
जब रिंकेश की मौत हो गई तो आरोपियों ने लकड़ी और टायर के नीचे शव रखकर डीजल डालकर आग लगा दी और मौके से फरार हो गए। जांच में मिले सबूतों के आधार पर आखिरकार पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा कर दिया।