जीवन में कुछ काम ऐसे होते हैं, जिन्हें समय रहते कर लेना चाहिए
कहानी – श्रीकृष्ण ने उद्धव को उज्जैन के एक ब्राह्मण की कहानी सुनाई थी। श्रीकृष्ण ने उद्धव से कहा, ‘मैं तुम्हें ये कहानी इसलिए सुना रहा हूं, ताकि तुम समझ सको कि कुछ काम सही समय पर कर लेना चाहिए।’
श्रीकृष्ण ने कहानी सुनानी शुरू की, ‘उज्जैन के उस ब्राह्मण ने खेती और व्यापार करके खूब धन कमा लिया था, लेकिन वह बहुत ही कंजूस था। काम-वासना से जुड़े कामों में लिप्त रहता था। लोभी था। बात-बात में उसे गुस्सा भी आता था। अपने मित्रों से और रिश्तेदारों से भी सही ढंग से बात नहीं करता था। ऐसे व्यवहार से उसके आसपास रहने वाले लोग, उसकी पत्नी, रिश्तेदार सभी दुखी थे।
ब्राह्मण का लक्ष्य सिर्फ धन कमाना और धन बचाना था। वह अपने ऊपर भी खर्च नहीं करता था। धीरे-धीरे उसका धन खर्च होने लगा। कुछ धन तो उसके घर-परिवार वालों ने ही छीन लिया। कुछ चोरी हो गया। कुछ अपने आप नष्ट हो गया। कुछ और समय बीता तो उसे व्यापार में भी नुकसान हो गया। बाकी धन राजाओं ने छीन लिया। उसने कभी किसी की मदद नहीं की थी तो किसी ने उसकी भी मदद नहीं की। वह निर्धन हो गया और दर-दर की ठोकरे खाने लगा।
ब्राह्मण ने सोचा कि मैंने कभी किसी पर धन खर्च नहीं किया, ये मेरे काम भी नहीं आया। अब मेरी कोई मदद नहीं करता है। अब उसे समझ आ रहा था कि धन के दोष भी होते हैं। जब तक धन है भाई-बंधु, स्त्री-पुत्र, माता-पिता, मित्र, रिश्तेदार सभी कद्र करते हैं।
ब्राह्मण भिखारियों की तरह रहने लगा। तब किसी ने उससे पूछा, ‘अब तुम्हें कैसा लगता है?’
ब्राह्मण ने जवाब दिया, ‘जब मेरे पास धन था तो मैंने उसका सदुपयोग नहीं किया। आज पछता रहा हूं।’
सीख- श्रीकृष्ण ने उद्धव को समझाया कि जीवन में कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें सही समय पर कर लेना चाहिए, वर्ना बाद में पछताना पड़ता है। धन, सेहत और शिक्षा से जुड़े काम करने में देर नहीं करनी चाहिए, जैसे ही समय मिले, इन्हें कर लेना चाहिए।