भोपाल में अल्प्राजोलम टेबलेट, कोडीन सिरप की खेप पकड़ाई
इंदौर। इंदौर क्राइम ब्रांच ने भोपाल में बड़ी कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में अल्प्राजोलम टैबलेट और कोडीन सिरप की खेप पकड़ी। इनकी ब्लैक मार्केट में कीमत 1 करोड़ से ज्यादा है। क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जल्दी अमीर बनने की नीयत से कोविड के बाद से ही आरोपी अवैध मादक पदार्थ की तस्करी कर रहे थे।
डीसीपी क्राइम ब्रांच इंदौर राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया-
कुछ दिनों पहले इंदौर निवासी मोइनुद्दीन उर्फ मोना और शावेज को 360 नग कोडीन सिर बोतल के साथ गिरफ्तार किया था। दूसरी कार्रवाई में इंदौर निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू यादव को 1950 नग अल्प्राजोलम टैबलेट के साथ पकड़ा था। दोनों ही मामलों में आरोपियों से सप्लाई करने वाली चेन की जानकारी निकाली थी। टीम को भोपाल में इसकी लिंक मिली। दबिश देकर बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप और अल्प्राजोलम टैबलेट जब्त की है।
सतना और भोपाल के निवासी हैं आरोपी
क्राइम ब्रांच की टीम ने सतना निवासी अमर सिंह और भोपाल निवासी अमन रावत, आकाश जैन को गिरफ्तार किया है।
अमर सिंह, आरोपी: बीएससी की पढ़ाई की है। पूर्व में गिरफ्तार हुए आरोपियों को यहीं कोडीन और अल्प्राजोलम टैबलेट कई गुना दामों पर सप्लाई करता था और सप्लाई के लिए ये उसे अमन रावत उपलब्ध कराता था।
अमन, आरोपी: उसने बीकॉम की पढ़ाई की है और मेडिकल दवाईयों की मार्केटिंग का काम पिछले 9 सालों से कर रहा है। जल्दी पैसा कमाने की नीयत से होलसेल व्यापारी आकाश से अवैध मादक पदार्थ लाकर अमर के माध्यम से सप्लाई करता था।
आकाश, आरोपी: स्वस्तिक इंटर प्राइसेज के नाम से संचालित मेडिकल ड्रग्स का होलसेल व्यापारी है। एमबीए की पढ़ाई की है। व्यापार की आड़ में कोविड के बाद से ही जल्दी पैसा कमाने की नीयत से प्रतिबंधित अल्प्राजोलम टैबलेट और कोडीन सिरप अवैध रूप से सप्लाई करता था। नशा करने वालों को कई गुना दाम में अवैध मादक पदार्थ की सप्लाई करता था।
डीसीपी क्राइम ब्रांच त्रिपाठी ने बताया-
भोपाल के हनुमानगंज थाने से 100 से 200 मीटर दूर ही एक गोडाउन था। जहां पर उसने माल छिपा रखा था। क्राइम ब्रांच की टीम ने गोडाउन से 12 कार्टून बॉक्स अल्प्राजोलम टैबलेट (9 लाख 30 हजार नग) और 40 कार्टून बॉक्स कोडीन सिरप (5240 नग बोतल) बरामद की है। इनकी ब्लैक मार्केट में कीमत 1 करोड़ से ज्यादा है।
सुबह और रात में करते थे व्यापार
पूछताछ में ये बात निकलकर सामने आई है अगर कोई बड़ी मात्रा में माल लेने आता था तो उसे सुबह 9 बजे के पहले या रात को 9 बजे के बाद ही माल दिया करते थे। दिन में इस काम को पूरी तरह से गोपनीय रखते थे, ताकि किसी को पता न चल सके। आरोपी सतना-रीवा सहित प्रदेश के अन्य जगह पर भी अवैध मादक पदार्थों की सप्लाई करते थे। फिलहाल तीनों से पूछताछ कर ओर भी जानकारी निकाली जा रही है।