- पेशे के साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी बन रहे हैं पिता प्रशांत गर्ग की परछाई
- म्यूजिकल नाईट से जिलेवासियों को दिखाई मैनेजमेंट स्किल और व्यवहार कुशलता
मयूर भार्गव
”कम उम्र में ही कुछ लोग इतिहास लिख जाते हैं और पूत के पांव तो पालने में ही दिख जाते हैं।ÓÓअक्सर यह कहावत सुनने को मिलती रहती है। लेकिन इस कहावत को जिलेवासियों ने अपनी आंखों से चरितार्थ होते देख भी लिया है। शानदार और ऐतिहासिक म्यूजिकल नाईट का आयोजन कराकर सजल प्रशांत गर्ग ने यह साबित कर दिया है कि वह बेहतरीन नेतृत्व क्षमता के साथ-साथ मैंनेजमेंट स्किल में भी माहिर है। सजल गर्ग जिले के दिग्गज अधिवक्ता और पूर्व विधायक राधाकृष्ण गर्ग के पोते एवं वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत गर्ग के सुपुत्र हैं। नेतृत्व क्षमता की सौगात तो उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली है। आइए थोड़ा फ्लैश बैक में चलते हैं जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि सजल में जो नेतृत्व क्षमता दिखाई दे रही है वह उन्हें अपने पिता प्रशांत गर्ग से विरासत में मिली है।
नेतृत्व क्षमता देखकर बनाया था पिता को युकां जिलाध्यक्ष
बात 1988 की है। उस समय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह थे। बैतूल में राष्ट्रीय युवक परिषद के बैनर तले युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया था। प्रशांत गर्ग उस समय राष्ट्रीय युवक परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री थे। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह बैतूल आए थे। मुख्यमंत्री श्री सिंह ने इस कार्यक्रम में श्री गर्ग की नेतृत्व क्षमता को देखते हुए ही उन्हें वर्ष 1991 में यूथ कांग्रेस बैतूल का जिलाध्यक्ष बनाया था। प्रशांत गर्ग के उस कार्यकाल को पुराने लोग याद करते हुए बताते हैं कि यूथ कांग्रेस का ऐसा कार्यकाल उससे पहले ना कभी हुआ था और ना ही हुआ है। इस कार्यक्रम में प्रशांत गर्ग ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह से बैतूल जिला चिकित्सालय के लिए ब्लड बैंक की मंाग की थी। श्री गर्ग की इस मांग को इसी कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी थी।
समाज सेवा के क्षेत्र में संतुलन ने बनाए कीर्तिमान
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत गर्ग के नेतृत्व में ही सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था संतुलन का गठन वर्ष 1997 में किया गया था। इस संस्था के बैनर तले प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा की भजन संध्या, प्रसिद्ध गजल गायक अहमद हुसैन, मोहम्मद हुसैन की गजल नाइट, मेरी आवाज ही मेरी पहचान है जैसे संगीत के शानदार आयोजन किए गए। इतना ही नहीं पीडि़त मानवता के लिए संतुलन ने मेगा ब्लड कैंप का आयोजन किया था। वहीं कैंसर पीडि़तों के लिए अब तक 5 बड़े कैंसर शिविर लगाए जा चुके हैं।
मैंनेजमेंट क्षमता देख कायल हुए जिलेवासी
कहते हैं सबको साथ लेकर चलने की क्षमता बड़े से बड़े लक्ष्य को आसानी से हासिल करा देती है। पेशे से युवा अधिवक्ता सजल गर्ग विरासत में मिली वकालत के पेशे को तो आगे बढ़ा ही रहे हैं साथ ही पूरी शिद्दत के साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी उन्होंने कदम रख दिया है और पहली ही बार में शानदार तरीके से लक्ष्य को हासिल भी कर लिया है। सजल गर्ग की नेतृत्व और मैंनेजमेंट क्षमता का सुखद परिणाम म्यूजिकल नाइट के रूप में जिलेवासियों के सामने आया है।
कार्यक्रम की शानदार बैठक व्यवस्था, साउंड, लाईटिंग, कलाकारों के चयन के साथ-साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों को सम्मान देने में सजल पूरी तरह से निपुण नजर आए। सजल को जानने वाले भले ही उन्हें रिजर्व नेचर का क्यों ना करते हों लेकिन सजल का जो व्यक्तित्व और मैंनेजमेंट क्षमता इस कार्यक्रम के माध्यम से सामने आई है उसने लोगों को सजल का फैन बना दिया है। लेकिन बातचीत सजल गर्ग पूरी विनम्रता से कहते हैं कि-
अभी तो मंजिल पर पहुंचना बाकी है।
अभी तो इरादों का इम्तिहान बाकी है।।
अभी तो तौली है मुट्ठी भर जमीन मैंने।
अभी तो तौलना आसमान बाकी है।।
6 माह की तैयारियों का परिणाम थी म्यूजिकल नाइट
बातचीत में सजल बताते हैं कि म्यूजिकल नाइट के आयोजन को लेकर वह और उनकी टीम 6 माह से तैयारियां कर रही थी। तीन माह पहले 23 अक्टूबर 2023 को म्यूजिकल नाइट की सार्वजनिक घोषणा की गई थी। उन्होंने बताया कि नाइट के सफल आयोजन में उनकी 20 सदस्यीय टीम का भरपूर योगदान और सहयोग रहा है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपनी टीम के सभी साथियों को देते हुए कहा कि मेरी टीम ने इन तीन महीनों में ना दिन देखा ना रात, 24 घंटे पूरी शिद्दत के साथ काम में लगी रही।
पीडि़त मानवता की सेवा करना है उद्देश्य
राष्ट्रीय जनादेश से चर्चा के दौरान सजल गर्ग ने कहा कि संतुलन संस्था का उद्देश्य दिव्यांग, कैंसर पीडि़त सहित पीडि़त मानवता की सेवा करना है। इसके लिए वह भविष्य में संभाग स्तरीय शिविर का आयोजन करेंगे जिसमें होशंगाबाद, हरदा और बैतूल जिले के दिव्यांगों को बुलाया जाएगा। सभी दिव्यांगों का स्पेशलिस्ट डॉक्टरों द्वारा परीक्षण करने के उपरांत जो भी सहायक उपकरण व्हीलचेयर, बैसाखी, कान की मशीन, ब्रेललिपि सहित अन्य उपकरण नि:शुल्क वितरित करने का है। बहरहाल संतुलन संस्था और पूरी टीम सजल के लिए हमारी यही पंक्तियां हैं कि-
किसी के गिरते आंसू पोंछकर तो देखो।
कभी डूबते का सहारा बनकर तो देखो।।
मिलेगा पुण्य तुम्हें हजारों तीर्थों का।
किसी की मुस्कुराहट का कारण तो बनकर देखो।।