जेएच कॉलेज घोटाले में तीन पर एफआईआर
बैतूल। बैतूल की सबसे बड़े सरकारी कॉलेज जेएच में हुए डेढ़ करोड़ रुपए के घोटाले मामले में बैतूल गंज पुलिस ने तीन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसमें सरकारी योजना की राशि में गबन कर 95 फर्जी खातों में योजना की राशि ट्रांसफर करने का आरोप है। उच्च शिक्षा और प्रशासन की दो टीमें अभी भी इस घोटाले की जांच कर रही हैं।
बैतूल गंज टी आई अरविंद कुमरे ने बताया कि गबन के इस मामले में बीती रात जे एच कॉलेज की तत्कालीन प्राचार्य विजेता चौबे की शिकायत पर कंप्यूटर ऑपरेटर दीपेश डहरिया, लिपिक सहायक ग्रेड 2 प्रकाश बंजारे और रिंकु पाटिल के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 409, 471,120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
आरोप है कि ये लोग गांव की बेटी योजना में सरकार से मिलने वाली रकम दूसरे फर्जी खातों में ट्रांसफर कर देते थे। जांच में ऐसे 95 खाते सामने आए हैं। आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। प्रकरण की जांच कर रहे ट्रैजरी ऑफिसर अरुण वर्मा ने बताया कि देर रात तक यह जांच जारी थी। आज भी प्रकरण के दस्तावेजों की जांच जारी रहेगी।
यह है मामला
एजी एमपी ग्वालियर के द्वारा नर्मदापुरम संभाग आयुक्त, बैतूल कलेक्टर और प्रिंसिपल जयवंती हक्सर कालेज को लिखे पत्र के बाद शुक्रवार को कॉलेज प्रबंधन को इस पूरे फर्जीवाड़े की भनक लगी। तब प्रिंसिपल ने उन 2 कमरों को सील करवा दिया जिसमें गांव के बेटी योजना संचालित होती है। इन कमरों में योजना से जुड़े दस्तावेज रखे हुए थे।
आज सोमवार को कलेक्टर द्वारा जिला ट्रेजरी ऑफिसर के नेतृत्व में 5 सदस्यीय दल को जांच के लिए कॉलेज भेजा गया। कॉलेज प्राचार्य के मुताबिक इस मामले में 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार रुपए का संदिग्ध भुगतान का मामला सामने आया है। जिसमें 95 खातों की जांच की जा रही है। जांच को एक सप्ताह में आयुक्त को सौंपा जाना है। पत्र प्राप्त होते ही उन्होंने उन कक्षों को सील करवा दिया था। जिनमें दस्तावेज रखे गए थे।
यह है गांव की बेटी योजना
शासन द्वारा गांव की बेटी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर प्रतिमाह 500 रुपए की आर्थिक सहायता छात्रवृत्ति के रूप में दी जाती है। एक छात्रा को दस माह तक लगभग 5 हजार की राशि दी जाती है।
ऑडिट के दौरान गड़बड़ी सामने आई
आरोप है कि इस राशि में पीएम श्री जेएच कॉलेज में हेरफेर किया गया है। कॉलेज में जुलाई 2019 से सितंबर 2024 तक ऑडिट किया गया था। इस ऑडिट के दौरान गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद ऑडिटर ने उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर और महा लेखाकार को गड़बड़ी के संबंध में पत्र लिखा था।
महालेखाकार ने कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी को भी गड़बड़ी की जांच करने के लिए पत्र लिखा। जिस पर कलेक्टर ने ट्रैजरी अफसर अरुण वर्मा सहित पांच सदस्यीय टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है। आरोप है कि यहां 95 संदिग्ध खातों में डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। एक ही खाते में कई बार राशि डाली गई।
2019-2024 के बीच संदिग्ध खातों में योजना की राशि डाली
ऑडिट में पकड़ी गड़बड़ी में यह सामने आया है कि 2019 से लेकर 2024 तक कई संदिग्ध खातों में योजना की राशि डाली गई। इसके ऑडिटर द्वारा प्रूफ भी दिए गए हैं। पांच सालों में 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार की गड़बड़ी की गई है।
जेएच कॉलेज में ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी संख्या में छात्राएं पढ़ने के लिए आती हैं। इन छात्राओं को मिलने वाली योजना की राशि में फर्जीवाड़ा सामने आने पर हड़कंप मच गया है। सूत्र बता रहे हैं कि यहां साल 2022 से 24 के डेटा शीट में जांच टीम को बड़ी गड़बड़ी मिली है।