2025 की शुरुआत में भी मंगल रहेगा वक्री:
7 दिसंबर को मंगल कर्क राशि में वक्री हो गया है। ये ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है, ये नौ ग्रहों का सेनापति भी है। मंगल की चाल बदलने से सभी 12 राशियों पर इस ग्रह का असर बदला है।
मंगल अब वक्री हो गया है यानी ये ग्रह अब पीछे की ओर चल रहा है और वक्री रहते हुए ये ग्रह 21 जनवरी 2025 मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। 24 फरवरी को मंगल मिथुन राशि में मार्गी हो जाएगा और आगे की बढ़ने लगेगा। मंगल 2 अप्रैल को कर्क में फिर से आ जाएगा। मंगल नए वर्ष 2025 की शुरुआत में वक्री रहेगा।
नौ ग्रहों में मंगल का विशेष स्थान है। जब नवग्रहों की पूजन होती है, उस समय दक्षिण दिशा में मंगल की स्थापना करते हैं। मान्यता है कि मंगल भूमि पुत्र हैं। मंगल ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। मंगल की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने मंगल को एक ग्रह होने का वर दिया। ये ग्रह पूर्व दिशा में उदय है और पश्चिम में अस्त हो जाता है। मंगल का एक नाम भौम भी है। मंगल को लाल ग्रह भी कहते हैं, क्योंकि ये लाल दिखाई देता है।
रक्तमाल्याम्बरधर: शक्तिशूलगदाधर:।
चतुर्भज: रक्तरोमा वरद: स्याद् धरासूत:।।
इस श्लोक में मंगल का स्वरूप बताया गया है। भूमि पुत्र मंगल के चार हाथ हैं। मंगल का शरीर लाल दिखाई देता है। मंगल अपने तीन हाथों में शक्ति, त्रिशूल और गदा धारण किए रहते हैं, एक हाथ वरमुद्रा है।