29 मार्च तक शनि रहेगा कुंभ राशि में:शनि चाल बदलकर वक्री से हुआ मार्गी
16 नवंबर को शनि अपनी चाल बदलकर कुंभ राशि में वक्री से मार्गी हो गया है। किसी ग्रह का वक्री होना यानी उल्टा चलना, इस दौरान ग्रह पीछे की ओर चलने लगता है। ग्रह का मार्गी होना यानी ग्रह का सीधा चलना, इस स्थिति में ग्रह आगे की ओर बढ़ने लगता है। अब शनि 29 मार्च तक कुंभ राशि में मार्गी ही रहेगा और इसके बाद ये ग्रह कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेगा।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, कुंभ राशि में शनि की चाल बदलने से सभी राशियों पर इस ग्रह का असर भी बदला है। कुंभ राशि में शनि होने से इस समय मकर, कुंभ और मीन राशियों पर साढ़ेसाती चल रही है। कर्क और वृश्चिक राशि पर ढय्या है। 29 मार्च के बाद मकर राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। कुंभ, मीन के साथ ही मेष राशि पर साढ़ेसाती का असर बना रहेगा। इसके अलावा सिंह और धनु राशि पर शनि का ढय्या शुरू होगा।
शनि के दोष दूर करने के लिए कर सकते हैं ये शुभ काम
शनि के लिए हर शनिवार सरसों के तेल का दान करने की परंपरा है।
शनिवार को शनि देव का सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए।
काले तिल, उड़द, नीले-काले कपड़े, कंबल का दान करें।
हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। माना जाता है कि हनुमान जी के भक्तों पर शनि के दोषों का असर नहीं होता है।
शनि के मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नम: का जप करें।