मुनिश्री प्रमाण सागर बोले-जुड़े रहोगे तो संरक्षित रहोगे
इंदौर। इंदौर में शुक्रवार को 108 मुनि श्री प्रमाण सागर के सानिध्य में 108 सिद्ध चक्र महा मंडल विधान का अद्वितीय आयोजन का समापन हुआ। इस दौरान इंदौर मे निकली 108 सोने-चांदी के रथ की यात्रा ने इतिहास रच दिया। इंदौर का नाम ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज हो गया। ‘दैनिक भास्कर’ ने मुनि श्री प्रमाण सागर से रथ यात्रा के उद्देश्य सहित ज्वलंत मुद्दों पर बात की तो उन्होंने सवालों का समाधान किया।
108 रथ यात्रा का विश्व रिकॉर्ड बना इसका उद्देश्य क्या था?
रथ यात्रा हमारी श्रद्धा की अभिव्यक्ति थी। रथ यात्रा में जाना यानी भगवान के पथ पर चलना है। यह हमारे जीवन के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस रथ यात्रा का एक ही उद्देश्य था कि सारे संसार से हिंसा और अराजकता खत्म हो। इसकी ऊर्जा से सर्वत्र सकारात्मकता का संचार हो। पूरा आयोजन सफल और पवित्रता के साथ रहा। इसका असर देश हित में होगा।
नशाखोरी बड़ी चिंता है। छोटे-छोटे बच्चे ड्रग एडिक्ट हो रहे हैं?
नशे की समस्या इंदौर की नहीं पूरे देश की है। इसके लिए युवाओं में चेतना जगाने और लोगों में जागरुकता जगाने की जरूरत है। युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए मोटिवेट किया जाना चाहिए।