भारतीयों के नाक की चमड़ी मोटी:सब देशों से अलग

भारतीयों के नाक की चमड़ी मोटी:सब देशों से अलग
इंदौर। भारतीयों की नाक बाकी देशों के लोगों से अलग रहती है। विदेशों में नाक की सर्जरी की जो टेक्निक, है वह भारतीयों के लिए नहीं है। इसका कारण है कि भारतीयों की नाक की चमड़ी मोटी और बनावट अलग होती है। यह कहना है डॉ. ब्रजेंद्र बसेर (नोज सर्जन) का। वे एमजीएम मेडिकल कॉलेज से 1974 बैच के छात्र रहे हैं। शुक्रवार को कॉलेज में आयोजित रीयूनियन गोल्डन जुबली कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। वे इन दिनों अरबिंदो हॉस्पिटल में है। उन्होंने दिल्ली के एम्स में पढ़ाई की, कई साल विदेश में रहे और नाक की सर्जरी पर काफी रिसर्च किया है।
इंडियन नोज को लेकर भारत में पहले जानकारी बहुत कम थी। कई रिसर्च में पता चला कि भारतीयों की नाक बाकी देशों के लोगों से अलग रहती है। प्लास्टिक सर्जरी की टेक्निक सुंदरता और नाक बढ़ाने की रहती है। दरअसल भारतीयों की चमड़ी मोटी होने के कारण सांस लेने की प्रक्रिया कुछ अलग ​​​होती है; दरअसल नाक में मोटापन ज्यादा रहता है। भारतीयों में नाक के अंदर का हिस्सा कमजोर होता है। विदेशियों की चमड़ी पतली होने से नाक स्ट्रॉन्ग होती है।

मूल स्वरूप को ढंक लेती है भारतीयों की मोटी स्किन
डॉ. बसेर का अनुभव यह है कि भारतीयों की मोटी स्किन नाक के मूल स्वरूप को ढंक लेती है। विदेशों की सर्जरी की जो टेक्निक है वह भारतीयों के लिए सही नहीं है। इसका पता विदेशों में चला जहां कई भारतीय बसे हैं। नाक की सर्जरी की जरूरत टेढ़ी नाक के कारण होती है क्योंकि वे ठीक से सांस नहीं ले पाते। स्किन मोटी होने से भी सांस लेने में बहुत परेशानी होती है। नाक को फंग्शनल होना जरूरी है।

1980 में पहली बार तैयार किया मॉड्यूल

उन्होंने 1980 के दशक में नाक के लिए पहली बार मॉड्यूल डेवलप किया, उसके बाद स्पेशल टेक्निक डेवलप की। इसके साथ ही भारतीयों की नाक की बनावट और सर्जरी को लेकर चार किताबें लिखी। इसके अलावा 20 प्रदेशों में लाइव सर्जरी की और डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी। डॉ. बसेर का कहना है अब तो सेल्फी, सोशल मीडिया के जमाने में नाक की प्लास्टिक सर्जरी की डिमांड और बढ़ गई है।

सुनार की तरह बारीकी से बनानी पड़ती है नाक

बकौल डॉ. बसेर अब एस्थेटिक सर्जरी का ट्रेंड काफी बढ़ गया है। महिलाएं कितनी भी कीमती हार पहन ले लेकिन अगर नाक टेढ़ी है तो लोग पहले नाक की ओर देखेंगे। नाक की सर्जरी अभी दुनिया में सबसे कॉमन प्लास्टिक सर्जरी से होती है। भारत में अब इसका रेफरेंस आ गया है तो लोग खासकर सेलिब्रिटी सुंदरता के लिए नाक की सर्जरी करवाते हैं। उनका मानना होता है कि नाक अपने आप में एक आकर्षण होती है। इसकी सर्जरी में 2 से 3 लाख रु. लगते हैं। इसमें काफी समय लगता है। इसे सुनार की तरह बारीकी से बनाना पड़ता है। इस तरह की सिर्फ नाक की सर्जरी करने वाले देश में 25-30 सर्जन है, जबकि मध्प्रदेश में दो-तीन सर्जन हैं।

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