महाराष्ट्र भाजपा का कांग्रेस पर आरोप:राहुल के प्रोग्राम में संविधान की खाली प्रतियां बांटी गईं
नागपुर। महाराष्ट्र भाजपा ने गुरुवार सुबह 8:30 बजे अपने X हैंडल पर राहुल गांधी का एक वीडियो पोस्ट कर लिखा- पहले तो राहुल ने नागपुर में संविधान की खाली कॉपी दिखाई, फिर बाबा साहेब की मूर्ति पर माला नहीं चढ़ाई।
डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने भी राहुल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- राहुल गांधी नागपुर में एक चुनावी कार्यक्रम में ‘लाल किताब’ लेकर ‘शहरी नक्सलियों और अराजकतावादियों’ से वोट मांग रहे थे।
इसके जवाब में राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र के भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार बाबासाहेब के संविधान को दिखाना और जाति जनगणना के लिए आवाज उठाना नक्सली विचार है! भाजपा की ये सोच डॉ भीमराव अंबेडकर का अपमान है।
वीडियो में दिखा- राहुल ने अंबेडकर की मूर्ति के सामने माला रख दी
महाराष्ट्र भाजपा ने जो वीडियो पोस्ट किया, उसमें दिखाई दे रहा है कि राहुल गांधी के कार्यक्रम के मंच पर शिवाजी की मूर्ति के अलावा तीन तस्वीरें रखी हुई थीं। इसमें बाबा साहब अंबेडकर की भी तस्वीर शामिल है। राहुल ने अंबेडकर की तस्वीर पर माला नहीं चढ़ाई और उसे बगल में रख दिया। भाजपा ने इसे बाबा साहब का अपमान बताया।
फडणवीस का बयान
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “राहुल गांधी की भारत के संविधान के प्रति निष्ठा कल देखी गई। मैंने जो आरोप लगाया था, वह सच निकला। वह लाल किताब के साथ संविधान का महिमामंडन नहीं करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने अपने साथ मौजूद अर्बन नक्सलियों और अराजकतावादियों को चेतावनी देने और उनसे मदद मांगने के लिए यह नाटक किया। वह हर दिन संविधान का अपमान कर रहे हैं। कांग्रेस ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर का अपमान किया और संविधान का अपमान किया। अब कोई भी उनकी चालों को नहीं भूलेगा।”
जयराम रमेश का जवाब
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने फडणवीस की बातों का जवाब देते हुए कहा कि देवेन्द्र फडणवीस हताश हो रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर तथाकथित “शहरी नक्सलियों” से समर्थन लेने के लिए “लाल किताब” दिखाने का आरोप लगाया है।
फडणवीस जिस पुस्तक को लेकर आपत्ति जता रहे हैं वह भारत का संविधान है, जिसके मुख्य शिल्पकार डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर थे। यह भारत का वही संविधान है जिसे मनुस्मृति से प्रेरित न बताकर RSS ने नवंबर 1949 में हमला किया था। यह भारत का वही संविधान है जिसे नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री बदलना चाहते हैं।
जहां तक “लाल किताब” का सवाल है तो फडणवीस को पता होना चाहिए कि इसमें भारत में कानून के क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में से एक, K.K. वेणुगोपाल की प्रस्तावना है, जो 2017-2022 के दौरान भारत के अटॉर्नी जनरल थे। इससे पहले, नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और स्वयंभू चाणक्य को भी यह लाल किताब दिया गया है।
जहां तक “शहरी नक्सली” का सवाल है तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 9 फरवरी 2022 और 11 मार्च 2020 को संसद को बताया है कि भारत सरकार इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करती है!
फडणवीस को पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए।