दमोह के तुषारी के जंगल में प्राकृतिक जलधारा को बाबा ने घोषित किया सिद्ध क्षेत्र
दमोह। दमोह में आस्था के नाम पर अंधविश्वास का मामला सामने आया है। यहां एक प्राकृतिक जलधारा में भाग्य बदलने के लिए ग्रामीण पहुंच रहे हैं। वे जलधारा में स्नान करते हैं और पानी पीते हैं। एक बाबा ने खुद उसे सिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया है। उसने दावा किया है कि यहां से निकले प्राकृतिक जलस्रोत के पानी को पीने और उसमें नहाने से लोगों का भाग्य बदल जाता है। पंडा की इस कहानी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। बीते 2 महीने में यहां हर दिन अपनी किस्मत बदलने और बीमारियों से मुक्त होने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचने लगे।
यह जगह है दमोह के हटा ब्लॉक के रजपुरा क्षेत्र में आने वाले एक जंगली इलाके की। जिसे तुषारी सिद्ध बाबा क्षेत्र का नाम दिया गया है। यहां पर एक प्राकृतिक जलस्रोत है। बाबा राजा सिंह मरावी ने 2 महीने पहले आस-पास के गांव में यह खबर फैली कि तुषारी के जंगल में सिद्ध बाबा हैं। जहां के जलस्रोत का पानी पीने से लोगों की किस्मत बदल जाती है व बड़ी से बड़ी बीमारियां दूर हो जाती हैं। खबर फैली तो आस्था से जुड़े लोग इस अंधविश्वास का शिकार होने लगे। धीरे-धीरे इस क्षेत्र में लोगों का जमावड़ा बढ़ने लगा। बीते दो महीने में यहां पर आलम यह है कि यहां प्रसाद, सामग्री से जुड़ी कई दुकानें खुल गई हैं। हर दिन सैकड़ों लोग यहां पर पहुंच रहे हैं।
सिद्ध बाबा करते हैं हर समाधान
यहां के स्वघोषित पंडा राजा सिंह मरावी का कहना है कि यह सिद्ध बाबा का स्थान है। यहां के जलस्रोत से निकलने वाले पानी में चमत्कार है। इसे पीने से लोगों की बीमारियां दूर हो जाती हैं और भाग्य बदल जाता है। सिद्ध बाबा हर समस्या का समाधान करते हैं। उसी चमत्कार के कारण लोग यहां आ रहे हैं।
लोगों के मन में भी बढ़ता जा रहा है अंधविश्वास
लोग भी इस अंधविश्वास का शिकार होने लगे हैं। दलपतपुरा गांव से पूरी आस्था के साथ जंगली क्षेत्र में पहुंचने वाले राम सिंह आदिवासी ने बताया कि यहां सिद्ध क्षेत्र है। सिद्ध बाबा का स्थान है। लोगों की हर मनोकामना पूरी होती है, जो भी व्यक्ति यहां का पानी को पी लेता है, उसकी सब समस्याओं का समाधान हो जाता है। उसका भाग्य बदल जाता है। इसलिए वह यहां आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि दो महीने पहले ही यहां पर सिद्धि आई है। इसके अलावा और भी कई लोगों ने इस स्थान को सिद्ध क्षेत्र बताकर अपनी आस्था प्रकट करने का प्रयास किया है।