ग्वालियर में प्रचारकों को पढ़ाया संघ के विस्तार का पाठ
ग्वालियर। ग्वालियर के केदारपुर धाम में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषंगिक संगठनों के प्रचारक के अखिल भारतीय प्रशिक्षण प्रचारक वर्ग का सोमवार (4 नवंबर) को समापन हो गया है। प्रशिक्षण वर्ग में प्रचारकों ने संघ के विस्तार का पाठ पढ़ा है। साथ ही आने वाले समय में राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के अलावा मजदूर, किसानों, विद्यार्थियों, सामाजिक, आर्थिक एवं ग्रामीण, वनवासी क्षेत्र में संघ के कार्यों पर चर्चा की।
5 दिन तक 7 सत्र में चले वर्ग में आए 31 संगठन के 554 प्रचारक को आने वाले समय को चुनौती बताते हुए कई तरह की जिम्मेदारी सौंपी हैं। समापन से पहले संघ प्रमुख ने सभी प्रचारक को भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उनके साथ भोजन किया।
ग्वालियर के शिवपुरी लिंक हाईवे पर स्थित केदारपुर धाम में 31 अक्टूबर दीपावली के दिन से देश के अलग-अलग नगर व प्रांत से आए प्रचारक का विविध संगठन प्रचारक वर्ग का शुभारंभ हुआ था। संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत धनतेरस के दिन ही ग्वालियर आ गए थे। यहां उन्होंने दीपावली का त्योहार भी मनाया है। उन्होंने प्रचारक वर्ग में सभी विविध संगठन प्रमुख से चर्चा में कार्य के दौरान आने वाली कठिनाइयां जानी और उन्हें दूर करने पर बात की।
पहला दिन – 31 अक्टूबर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विविध संगठन प्रचारक वर्ग 31 अक्टूबर से शुरू हुआ था। पहले दिन 31 संगठन और 45 प्रांत से आए 554 प्रचारकों ने अपना-अपना परिचय दिया। संघ को लेकर अपने-अपने विचार प्रकट किए। इसके बाद इसी दिन के दूसरे सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वर्तमान समय में संघ के मुख्य उद्देश्यों से वर्ग में आए प्रचारक को अवगत कराया। रात को सभी ने मिलकर दीपावली मनाई थी।
दूसरा दिन (एक नवंबर)
दूसरे दिन 1 नवंबर को आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने सभी सदस्यों के विचार जानने के बाद संघ का संदेश सुनाया। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिंदू समाज के सभी वर्ग के लोगों में एकता और उनमें परस्पर प्रेम बढ़ाने के लिए इसे निचले स्तर तक ले जाने के लिए घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
तीसरा दिन (2 नवंबर)
तीसरे दिन सर संघचालक मोहन भागवत ने प्रचारकों से राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक के अलावा अन्य क्षेत्र जैसे वन जीवन क्षेत्र, धार्मिक क्षेत्र में संघ की भूमिका और प्रचारक के विचार मांगे गए। विचार आने के बाद कुछ चुनिंदा विचार से सभी को परिचित कराया गया है। शाम के समय गोवर्धन पूजन की गई थी।
चौथा दिन (3 नवंबर)
आरएसएस के विविध संगठन प्रचारक वर्ग का चौथा दिन युवा शक्ति और आगामी राजनीतिक माहौल पर मंथन पर रहा है। यहां प्रचारक काे बताया गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ा जाए। साथ ही आगामी समय में आने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले हिंदू समाज वर्ग में एकरूपता लाने के लिए घर-घर तक आरएसएस के उद्देश्य पहुंचाने का संकल्प लिया गया था।
पांचवा दिन समापन (4 नवंबर)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक वर्ग में पांचवे दिन समापन दिवस रहा है। सुबह सभी प्रचारक से आरएसएस के पदाधिकारियों ने वन टू वन चर्चा की है। इसके बाद उनकी कठिनाइयों के बारे में जाना और उसका निराकरण किया गया है। उसके बाद संघ के विस्तार का पाठ पढ़ाकर उद्देश्य की प्राप्ति के लिए घर-घर तक पहुंचने की शपथ दिलाई गई। आखिर में भोज हुआ जिसमें शहर के भी 50 से ज्यादा गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित किया गया। भोज के उपरांत प्रचारक वर्ग का समापन हो गया।