अमेरिका के रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर ट्रम्प के खिलाफ

अमेरिका के रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर ट्रम्प के खिलाफ
वाशिंगटन। अमेरिका के प्रेसिडेंट के लिए होने वाले चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। 7 नवंबर को रिजल्ट आने शुरू हो जाएंगे। इससे पहले अमेरिका के रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स ने डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

उनका कहना है कि ट्रम्प तानाशाह हैं, वह हिटलर के काम की तारीफ करते हैं। अगर वह सत्ता में आए तो देश की सुरक्षा और संविधान को खतरा होगा। ट्रम्प अपने विरोधियों पर सैन्य बल का उपयोग कर सकते हैं।

ट्रम्प पर आरोप लगाने वालों में उनके पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली सहित कई ऐसे अफसर हैं जो उनके राष्ट्रपति रहते हुए महत्वपूर्ण पदों पर थे।

2017 से 2019 तक ट्रम्प प्रशासन में सबसे लंबे समय तक चीफ ऑफ स्टाफ रहे रिटायर्ड मरीन जनरल जॉन केली का कहना है कि ट्रम्प ने घायल सैनिकों के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था।

ट्रम्प और बाइडेन के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष रहे मार्क मिल्ली भी ट्रम्प को देश के लिए सबसे खतरनाक व्यक्ति कह चुके हैं। मिल्ली का कहना है कि ट्रम्प के सत्ता से बाहर होने के बाद भी उनकी चिंताएं बरकरार हैं।

ट्रम्प की नीतियों के विरोध में रक्षा सचिव ने इस्तीफा दिया था
ट्रम्प के कार्यकाल में जिम मैटिस अमेरिका के रक्षा सचिव थे। 2018 में उन्होंने ट्रम्प की नीतियों के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने ट्रम्प को संविधान के लिए खतरा बताया।

2020 में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद हुए विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए ट्रम्प ने सेना का उपयोग किया था। तब मैटिस ने कहा था- राष्ट्रपति का ये कदम संविधान का मजाक है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में ट्रम्प के साथ काम करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल एच.आर. मैकमास्टर ने कहा था- ट्रम्प के निर्णय असामान्य और कभी-कभी तो खतरनाक होते थे।

2023 में पूर्व रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने भी ट्रम्प को सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।

ट्रम्प का विरोध करने वाले सैन्य अधिकारियों में जनरल स्टेनली मैकक्रिस्टल, एडमिरल माइक मुलन, नाटो के पूर्व सुप्रीम अलाइड कमांडर जेम्स स्टैवरिडिस भी शामिल हैं। इन सभी ने ट्रम्प के प्रशासनिक फैसलों और सेना के राजनीतिकरण की आलोचना की है।

दंगाइयों को रोकने सेना लगाने की बात कह चुके हैं ट्रम्प
हाल ही में फॉक्स न्यूज को दिए इन्टरव्यू में ट्रम्प दंगाइयों को देश का दुश्मन बताते हुए सेना लगाने की वकालत कर चुके हैं। चुनाव वाले दिन संभावित हिंसा के सवाल पर उन्होंने कहा कि, “हमारे बीच कुछ ज्यादा ही बुरे लोग मौजूद हैं, ये सिर्फ मेरे नहीं बल्कि अमेरिका के दुश्मन हैं, इनसे सेना ही निपट सकती है।

इसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी ने उन पर जमकर निशाना साधा था। प्रेसिडेंट कैंडिडेट कमला हैरिस का कहना था कि वे अपने विरोधियों से नफरत करते हैं, अगर ट्रम्प राष्ट्रपति बनते हैं तो विरोध करने पर गोली मारने का आदेश दे देंगे

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