पीसीसी चीफ पटवारी ने CM को लिखा पत्र
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा है कि गाय के नाम पर चुनाव में वोट बटोरने वाले भाजपा नेताओं को क्या बेसहारा गौवंश की फिक्र नहीं है। सरकार द्वारा इसके लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाने के कारण प्रदेश भर में साढ़े आठ लाख से अधिक आवारा पशु दुर्घटना की वजह बनने के साथ किसानों की फसल नष्ट करने की वजह बन रहे हैं। पटवारी ने कहा है कि सरकार को इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
पटवारी ने मुख्यमंत्री यादव को लिखे पत्र में कहा है कि आज गोवर्धन पूजा का शुभ-पावन प्रसंग है। पशुपालक अपने गोधन का श्रृंगार कर, पूजन और वंदन कर रहे हैं लेकिन प्रदेशभर में ऐसे भी हजारों गोवंश हैं, जिन्हें सड़क पर बेसहारा छोड़ दिया गया है। इन्हें न तो चारा नसीब हो रहा है न रहने के लिए गौशाला है। क्या गाय के नाम पर चुनाव में वोट बटोरने वाले भाजपा नेताओं को इन गोवंश की फिक्र नहीं है?
सड़कों पर झुंड में बैठे रहते हैं गोवंश
पटवारी ने लिखा है कि गोवर्धन पूजा के पवित्र अवसर पर ही आज ही पब्लिक डोमेन में एक मीडिया रिपोर्ट आई है, जिसमें यह प्रामाणिक रूप से बताया गया है कि आपके उज्जैन जिले में गोवंश सड़कों पर झुंड में बैठे रहते हैं। उज्जैन-आगर रोड पर चार स्थानों पर जैसे सड़क ही गोशाला बन गई है। यह गोवंश कब से यहां हैं? इनके मालिक कौन हैं? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस समस्या की जमीनी पड़ताल के लिए नेशनल हाईवे 552 पर सफर भी किया गया। घट्टिया के नए बस स्टैंड पर शाम 5.15 बजे एक तरफ बस में सवारी चढ़ती-उतरती दिखाई दी तो दूसरी तरफ 130 से ज्यादा गोवंश बेतरतीब बैठे मिले। इसके बाद शाम करीब 5.35 बजे घौंसला के आगर-महिदपुर को जोड़ने वाले रास्ते पर करीब 120 गोवंश डिवाइडर की तरह बैठे नजर आए। शाम 5.50 पालखेड़ी में गोवंश डिवाइडर की तरह बैठा दिखाई दिया! यहां से लौटते समय शाम 6 बजे करीब निपानिया गोयल में गोवंश मुख्य मार्ग पर नजर आया।
चूंकि यह आपके गृह जिले और उसके आसपास के इलाकों के हालात हैं इसीलिए इनका विशेष तौर पर उल्लेख कर रहा हूं। साथ यह भी बताना चाहता हूं कि कमोबेश ऐसी ही स्थिति मध्य प्रदेश के कई जिलों में है। मध्य प्रदेश में सड़कों और कृषि क्षेत्रों में गोवंश के बढ़ते बेसहारा पशुओं से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
8.5 लाख आवारा मवेशी बन रहे दुर्घटना की वजह
राज्य में लगभग 8.5 लाख आवारा मवेशी हैं, जो दुर्घटना और यातायात जाम की मुख्य वजह बन रहे हैं। इसके चलते हाल ही में जबलपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सड़कों पर आवारा गोवंश से संबंधित दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है क्योंकि इन घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है और यातायात बाधित हो रहा है। सड़क पर गोवंशों के खड़े रहने के कारण कई हादसे भी हो चुके हैं। इनमें वाहन चालक और गोवंशों की मौत भी हो चुकी है।
मोहन भैया, खेती में भी हो रहा नुकसान
पीसीसी चीफ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि मोहन भैया, कृषि पर भी इसका बुरा प्रभाव है। किसान का कहना है कि गोवंश उनके खेतों में घुसकर फसल नष्ट कर देते हैं, जिससे लगभग 30-40% फसल का नुकसान होता है। कई किसान अब रबी की जगह केवल एक ही फसल उगाने का निर्णय ले रहे हैं और रातभर खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं।
फोटो और वीडियो में गौसेवा
पटवारी ने पत्र में आरोप लगाया है कि राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए लापरवाह बनी हुई है। केवल फोटो और वीडियो में गौसेवा के जरिए मीडिया में सुर्खियां लेने में आप हमेशा आगे रहते हैं परंतु जमीनी हकीकत ये है कि प्रदेश में गोवंश खतरे में हैं। आपसे आग्रह है कि इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए दीर्घकालिक और ठोस उपाय तत्काल करें।
महिलाओं से बोले, सीएम को सद्बुद्धि दें ईश्वर
ईश्वर सद्बुद्धि दे कि तीन हजार रुपए लाड़ली बहनों को देने के लिए कहा था तो जल्दी ही बहनों को तीन हजार रुपए दें। उन्होंने कहा कि सीएम गोवर्धन पूजा का काम कर रहे हैं। गाय माता के लिए बजट नहीं दे रहे हैं। जो गौशाला बनी थीं, वह जर्जर हो रही हैं। उनके खाने के लिए चारा-पानी के लिए राशि मुख्यमंत्री दें। सरकार बहनों और गौमाता की चिंता करे।