एमपी पहला राज्य जहां पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया अब घर बैठे

एमपी पहला राज्य जहां पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया अब घर बैठे
भोपाल। यह बात मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जमीन की पैमाइश, रजिस्ट्री, नामांतरण जैसी प्रक्रियाओं में गड़बड़ी को लेकर कई बार कही और आखिरकार गुरुवार को इसके समाधान के लिए नई व्यवस्था लॉन्च कर दी। गुरुवार दोपहर कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर में रखे गए कार्यक्रम में सीमए ने संपदा -2.0 सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया। सीएम ने ये दावा भी किया कि मध्यप्रदेश अब देश का पहला राज्य बन गया है जहां बिना रजिस्ट्रार दफ्तर के चक्कर लगाए घर बैठे आसानी से जमीन और मकान की रजिस्ट्री कराई जा सकती है। इतना ही नहीं प्रॉपर्टी पर कितना लोन बकाया है इसे भी चेक किया जा सकता है। इसके साथ ही प्रॉपर्टी की पहचान कस्टोडियन डिपार्टमेंट से कराई जा सकेगी। देश ही नहीं विदेश में बैठे लोगों को भी इसका डेमो दिया गया और उन्होंने प्रक्रिया की सरलता पर खुशी जताई।

तो आइए बताते हैं कितनी आसानी होगी आपको रजिस्ट्री में…

इस सॉफ्टवेयर से प्रदेश के सभी जिलों को कनेक्ट किया गया है। रजिस्ट्री और प्रॉपर्टी खरीदने के लिए रजिस्ट्रार के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे ई पंजीयन कर सकेंगे। ई साइन और डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से प्रोसेस पूरा हो जाएगा। केवाईसी की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो सकेगी। जमीन या मकान की जियो टैगिंग होगी। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी इससे न सिर्फ लोगाें के पैसे की बचत होगी बल्कि समय भी बचेगा।

गुरुवार को सॉफ्टवेयर लॉन्चिंग प्रोग्राम में वरिष्ठ जिला पंजीयक स्वप्नेश शर्मा ने दिल्ली में बैठे स्पेन की कंपनी के प्रतिनिधियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-रजिस्ट्रेशन प्रोसेस दिखाई। दिल्ली की एक 78 वर्षीय महिला ने पावर ऑफ अटॉर्नी की प्रक्रिया वीसी से पूरी की।
गुरुवार को सॉफ्टवेयर लॉन्चिंग प्रोग्राम में वरिष्ठ जिला पंजीयक स्वप्नेश शर्मा ने दिल्ली में बैठे स्पेन की कंपनी के प्रतिनिधियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-रजिस्ट्रेशन प्रोसेस दिखाई। दिल्ली की एक 78 वर्षीय महिला ने पावर ऑफ अटॉर्नी की प्रक्रिया वीसी से पूरी की।
एग्रीमेंट और पावर ऑफ अटर्नी कराने वालों से सीएम ने की बात

मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ‌के माध्यम ‌से एग्रीमेंट, पावर ऑफ अटर्नी करने वाले लोगों से बातचीत की।‌
इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले विदेश में टेक्नोलॉजी विकसित होती थी और भारत में वर्षों बाद पहुंचती थी।
भारत में यह व्यवस्था पहले लागू हो रही है और मध्य प्रदेश देश भर में उदाहरण बन रहा है।
हांगकांग से सुरेंद्र चंद्रावत से सीएम ने बातचीत की, जिनकी लाॅ फर्म है।
सीएम ने चंद्रावत से पूछा कि आपकी प्रॉपर्टी इंडिया में है तो इसका इनकम टैक्स आप इंडिया में शो करेंगे या हांगकांग में?
इस पर चंद्रावत ने बताया कि प्रॉपर्टी इंडिया में है तो इंडिया में शो होगी। अगर हांगकांग में होती तो वहां पर शो की जाती।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दिल्ली में बैठी डॉ.शक्ति मलिक और उनके पति से बातचीत की, जिन्हें घर में बैठकर यह सुविधा मिली और भोपाल नहीं आना पड़ा।

पीएम मोदी की प्रेरणा से विकसित हो रहा एमपी – डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ‌ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ मनमोहन सिंह 10 साल प्रधानमंत्री रहे, वित्त मंत्री रहे और गवर्नर भी रहे, लेकिन वे भी ऐसी तकनीक नहीं विकसित कर पाए जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित कर दी। पीएम‌ मोदी ने जीरो बजट से देश के गरीब लोगों की परेशानियों को ध्यान रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जो व्यवस्था शुरू हुई है, उसमें नामांतरण के साथ बटांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है। इसके लिए अलग आवेदन नहीं करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप कितने भी पढ़े लिखे हो, लेकिन यहां आने पर अंगूठा ही लगाना पड़ता है। अब तकनीक के दौर में सभी चीजों को डेवलप करना जरूरी भी है।

इस अवसर पर मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि दस्तावेजों के ऑनलाइन पंजीयन की कार्रवाई 9 साल से चल रही है। इसमें सुधार की काफी गुंजाइश थी। इसलिए संपदा 2.0 लागू किया गया है। डिंडौरी, रतलाम गुना, हरदा में यह व्यवस्था लागू है और आज से पूरे प्रदेश में लागू हो गई है। मध्य प्रदेश देश का पहला प्रदेश है, जहां यह व्यवस्था लागू हो रही है। इसके लिए पूरी विभागीय टीम को बधाई है। पहले राजस्व और वित्त से इंटीग्रेशन था। लेकिन अब इसको जीएसटी, नगरीय विकास विभाग, आयकर विभाग, पंचायत विभाग तथा आधार से भी इसको इंटीग्रेटेड किया गया है। इस व्यवस्था में व्यक्ति खुद अपना स्लाॅट बुक कर सकता है।

प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर विभाग अमित राठौर ने इस कार्यक्रम में कहा कि संपदा सॉफ्टवेयर के माध्यम से लगभग अभी तक 56 लाख से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन किया जा चुका है और पचास हजार करोड़ का राजस्व मिला है। सितंबर 2022 में अचल संपत्तियों के पंजीयन में संपदा की शुरुआत हुई है। सोशल मीडिया के माध्यम से कम्युनिकेशन की अपेक्षाएं जनता की बढ़ गई हैं।

सॉफ्टवेयर द्वारा प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन, लोन और अन्य दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह डिजिटल हो जाएगा। अगर उस दस्तावेज पर लोन लिया गया होगा, तो उसकी जानकारी भी इसमें देखी जा सकेगी। साथ ही संपत्ति की पहचान कस्टोडियम डिपार्टमेंट से कराई जाएगी। पंजीयक की पहचान ई-केवाईसी के माध्यम से पूर्ण की जाएगी। इसमें घर बैठे पंजीयन एवं ई-स्टॉम्पिंग की सुविधा भी होगी।

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