मॉडल विवेक साहू, जिसे गोली मारी गई:मौत से पहले कहा- जान को खतरा है
कहा जाता है कि जर, जोरू और जमीन ही ज्यादातर फसाद की जड़ हैं। कई मामलों में ये कहावत सच साबित हुई, खासकर मॉडल विवेक साहू हत्याकांड में। 21 अगस्त 2024 को विवेक साहू की लाश खेतों में मिली थी, शरीर पर कई चोट थीं, गले पर उंगलियों के निशान थे और पीठ पर गोली लगी थी। जब मॉडल विवेक साहू हत्याकांड की जांच शुरू हुई तो कई चौंका देने वाले खुलासे हुए।
मौत से चंद दिनों पहले ही उनका गर्लफ्रेंड से झगड़ा हुआ था। वे अक्सर अपने जीजा से कहा करते थे कि उनकी जान को खतरा है। किसे पता था कि ये डर एक रोज सच साबित हो जाएगा, लेकिन जब मामले की सच्चाई सामने आई तो वजह चौंका देने वाली थी।
आज अनसुनी दास्तानें के 3 चैप्टर्स में पढ़िए मॉडल विवेक साहू के कत्ल, साजिश और कई किरदारों से जुड़ी कहानी-
उत्तर प्रदेश के मेरठ के पास स्थित कांकरखेड़ा में जन्मे विवेक साहू घर में सबसे छोटे थे। उनसे दो बड़ी बहनें भी थीं। विवेक कम उम्र के ही थे, जब उनके पिता गुजर गए। उन्होंने पहले कांकरखेड़ा के डीएमवी स्कूल से 12 तक पढ़ाई की और फिर सीसीएसयू से ग्रेजुएशन किया।
कॉलेज के दिनों में विवेक का झुकाव मॉडलिंग की दुनिया की तरफ होने लगा, जिसके लिए वो 3 साल पहले गुरुग्राम शिफ्ट हुए थे।
विवेक की बहन प्रीति की शादी मेरठ की छठी वाहिनी पीएसी में तैनात तनुज कुमार से हुई थी। जब विवेक गुरुग्राम शिफ्ट हुए, तो उनकी मां बेटी और दामाद के साथ कांकरखेड़ा पुलिस थाने के पास डिफेंस इन्क्लेव के बी-ब्लॉक में रहने लगीं। विवेक का अक्सर घर आना-जाना होता रहता था।
गुरुग्राम में रहते हुए विवेक छोटे-मोटे मॉडलिंग प्रोजेक्ट का हिस्सा बना करते थे। इसी दौरान उनकी एक लड़की से मुलाकात हुई, जिसे वो पसंद करने लगे। चंद महीनों में ही दोनों रिलेशनशिप में आ गए।
रिश्ते की शुरुआत भले ही खूबसूरत रही हो, लेकिन चंद महीनों में ही दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। बढ़ते झगड़ों के बीच विवेक कांकरखेड़ा आकर अपने परिवार के साथ रहने लगे।