एनिमेटेड फिल्मों का मेकिंग प्रोसेस अनोखा
मुंबई। 2007 में रिलीज हुई फिल्म माय फ्रेंड गणेशा एनिमेशन वाली फिल्म थी। इसमें गणेश जी के कैरेक्टर को 2D एनिमेशन से तैयार किया गया था।
टीवी पर आने वाले कार्टून कैरेक्टर्स एनिमेशन के जरिए तैयार किए जाते हैं। जब टेक्नोलॉजी विकसित नहीं थी, तब स्केच के जरिए ये कैरेक्टर्स बनाए जाते थे। जैसे टॉम एंड जेरी का उदाहरण लीजिए।
टॉम एंड जेरी के सारे कैरेक्टर्स को हाथ के जरिए कागज पर डिजाइन किया गया था। उठने-बैठने, दौड़ने-खेलने और खाने-पीने सहित सारे एक्शंस को एक पेपर पर उतार लिया जाता था। फिर कलर करने के बाद उसे स्कैन किया जाता था। स्कैनिंग के बाद इसे रील पर कॉपी करके अंत में रिलीज कर दिया जाता था। यह 2D एनिमेशन के तहत होता था। ऐसे हजारों स्केच बनते थे, तब जाकर एक सीन क्रिएट होता था।
बाद में समय के साथ टेक्नोलॉजी बेहतर हुई। इसके बाद 3D एनिमेशन आया। इसे कंप्यूटर की मदद से तैयार किया जाने लगा।
रील टु रियल के नए एपिसोड में एनिमेटेड फिल्मों की मेकिंग प्रोसेस पर बात करेंगे। इसके लिए हमने कई एनिमेटेड फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर राजीव एस रुइया और सुमन देब से बात की।