पंजाब सीएम का जयपुर दौरा रद्द
जयपुर। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का जयुपर दौरा रद्द हो गया है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए चन्नी ने दौरा रद्द किया है। इसके पीछे सियासी वजह को मुख्य कारण बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि लखीमपुरखीरी की घटना को देखते हुए पंजाब सीएम का दौरा रद्द हुआ है। चरणजीत सिंह चन्नी का 11 बजे जयपुर पहुंचने का कार्यक्रम था। चन्नी करीब सवा तीन घंटे जयपुर रुकने वाले थे।
मंगलवार सुबह सामान्य प्रशासन विभाग को पंजाब सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री चन्नी का जयपुर दौरा रद्द होने की सूचना दी गई। चन्नी के आगे जयुपर दौरे की भी कोई तारीख नहीं दी गई है। अचानक चन्नी का जयपुर दौरा रद्द करने की सियासी हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
सियासी भोज से गलत मैसेज जाने के डर से दौरा रद्द
किसानों को कुचलकर मारने की घटना के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को कल यूपी पुलिस ने लखीमपुरखीरी जाने से रोक दिया, वे धरने पर बैठ गई थीं। कांग्रेस आज प्रियंका को रोकने और किसानों को केंद्रीय मंत्री के बेटे की जीप से कुचलकर मारने की घटना के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन कर रही है। ऐसे समय चन्नी जयपुर आकर सीएम निवास पर भोज में शामिल होते तो गलत मैसेज जाता। यह मैसेज राजस्थान और पंजाब दोनों मुख्यमंत्रियों के लिए सही नहीं था। बताया जा रहा है कि इसी के डर से चन्नी ने जयपुर दौरा रद्द किया है।
गहलोत ने लखीमपुरखीरी की घटना का हवाला देकर भोज रद्द करने की बात कही
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करके लखीमपुर खीरी की घटना का हवाला देकर चन्नी के सम्मान में दिया जाने वाला भोज रद्द करने की घोषणा की है। गहलोत ने लिखा- AICC ने जो दो दिन का प्रोग्राम दे दिया है, लखीमपुर खीरी में दुखद घटना हुई है, आठ किसान मारे गए हैं। उसे लेकर देशभर में आक्रोश है। उत्तरप्रदेश की प्रभारी महामंत्री प्रियंका गांधी जी को भी वहां पर डिटेन किया हुआ है। साथ ही 5-6 अक्टूबर को एआईसीसी ने किसानों के साथ में एकजुटता दिखाने के लिए देशभर में धरने-प्रदर्शन का आह्वान किया है। इन परिस्थितियों में पंजाब सीएम का राजस्थान दौरा और उनके सम्मान में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित लंच कार्यक्रम रद्द हो गया है।
गहलोत की सियासी मैसेज देने की थी रणनीति
पंजाब कांग्रेस में जारी विवाद के बीच सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की जयपुर यात्रा और उनके सम्मान में भोज देकर गहलोत ने हाईकमान और पार्टी को मैसेज देने का प्रयास किया था। इस भोज सियासत के जरिए गहलोत पार्टी में खुद को मजबूत और हाईकमान की इच्छा अनुरूप चलने वाले नेता की छवि को मजबूत करना चाहते थे। गहलोत दो अक्टूबर को एक समारोह में पांच साल तक सरकार चलने और सरकार के रिपीट होने का दावा कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ के सीएम भी कह चुके हैं कि पंजाब की तरह यहां कुछ नहीं होगा, इसी तर्ज पर अब गहलोत भी उसी लाइन पर हैं।