सिनेमाघरों को फिल्मों से भर दिया निर्माताओं ने, 11 महीने में 16 फिल्में होंगी रिलीज
महाराष्ट्र सर्किट 22 अक्टूबर से ओपन हो रहा है। इसके चलते सिनेमाघरों में अगले एक साल में दो दर्जन से ज्यादा बड़ी फिल्में रिलीज होंगी। इससे देशभर के सिनेमाघर फिल्मों से भर गए हैं। आलम यह है कि अगले एक साल में तकरीबन 15 से ज्यादा फिल्में आपस में सेम डेट पर टकराएंगी। वो फिल्में हैं ‘गंगूबाई’-‘आरआरआर’, ‘आदिपुरुष’-‘रक्षाबंधन’, ‘हीरोपंती 2’-‘मेडे’, ‘केजीएफ 2’-‘भेड़िया’, ‘शमशेरा’-लव रंजन फिल्म, ‘पृथ्वीराज’-‘अटैक’, ‘सूर्यवंशी’-‘इटरनल्स’ हैं। इससे इनके निर्माताओं को होने वाले नुकसान पर एग्जीबिटर और ट्रेड एनैलिस्ट बिरादरी बंट गई है। कुछ लोगों का तर्क है कि इससे प्रोड्युसर्स को घाटा होगा तो वहीं दूसरे लोगों का दावा है कि हाल ही की सिचुएशन से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा।
‘गंगूबाई’-‘आरआरआर’ दोनों में से किसी एक फिल्म की रिलीज डेट तब्दील हो सकती है
ट्रेड एनैलिस्ट तरण आदर्श का कहना है, “फिल्म निर्माताओं के लिए यह चुनौतीपूर्ण सिचुएशन है। हालांकि जिन भी फिल्में की आपस में टकराहटें हो रही हैं, वो एक दूसरे से बेहद अलग हैं। उन्हें पसंद करने वाली ऑडियंस बेस अलग है। लिहाजा, इस सो कॉल्ड क्लैश से निर्माताओं का ज्यादा नुकसान नहीं होगा। हां, सिर्फ ‘गंगूबाई’-‘आरआरआर’ से अजीब सिचुएशन पैदा हुई है। दोनों में ही आलिया और अजय देवगन हैं। दोनों के ही निर्माता और डिस्ट्रीब्यूटर जयंतीलाल गाडा ही हैं। दोनों में उनका मोटा पैसा लगा है। मुमकिन है कि दोनों में से किसी एक फिल्म की रिलीज डेट तब्दील होगी।”
एग्जीबिटर और डिस्ट्रीब्यूटर विषेक चौहान दलील ने की बात
एग्जीबिटर और डिस्ट्रीब्यूटर विषेक चौहान दलील देते हैं, “एक ही डेट पर रिलीज हो रही दो फिल्मों को हर बार आप क्लैश करार नहीं दे सकते हैं। दो फिल्में अगर डिफरेंट जॉनर की हैं तो उन्हें तकनीकी तौर पर काउंटर प्रोग्रामिंग कहा जाएगा, क्लैश नहीं। जैसे दो साल पहले जब ‘सत्यमेव जयते’ और ‘गोल्ड’ आई थी तो दोनों दो डिफरेंट जॉनर की फिल्म थीं। ‘जब तक है जान’ और ‘सन ऑफ सरदार’ भी क्लैश नहीं काउंटर प्रोग्रांमिंग थीं। ‘लगान’ और ‘गदर’ भी इस लिहाज से क्लैश नहीं थीं। वो सब अच्छी फिल्में थीं तो सबने अच्छा बिजनेस किया। अलबत्ता ‘राधे’ और ‘सूर्यवंशी’ एक ही दिन रिलीज हो तो वो क्लैश कही जाएंगी।”
तभी ‘आदिपुरुष’-‘रक्षाबंधन’, ‘हीरोपंती 2’-‘मेडे’, ‘केजीएफ 2’-‘भेड़िया’, ‘शमशेरा’-लव रंजन फिल्म, ‘पृथ्वीराज’-‘अटैक’, ‘सूर्यवंशी’-‘इटरनल्स’ सब के जॉनर अलग हैं। साथ ही उनकी टारगेट ऑडिएंस भी अलग है। नतीजतन, इस कथित क्लैश से किसी का नुकसान नहीं होने वाला है। 31 दिसंबर को आ रही फिल्म ‘जर्सी’ के लिए जरूर सूरतेहाल बहुत जोखिम भरे हैं। वह इसलिए क्योंकि उसके ठीक पहले ‘पुष्पा’ और ’83’ आ रही है, जबकि आगे ‘आरआरआर’ और ‘गंगूबाई’ भी आने के लिए तैयार हैं।
कार्निवल सिने चेन के प्रमुख कुणाल साहनी ने फिल्म की रिलीज पर की बात
कार्निवल सिने चेन के प्रमुख कुणाल साहनी भी मानते हैं कि सेम डेट पर अलग टेस्ट की फिल्में आ रही हैं, इसलिए उन्हें डायरेक्ट क्लैश नहीं कहेंगे। कुणाल के मुताबिक, “पहले भी दो बड़ी फिल्में सेम डेट पर आईं थीं, मगर उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा किया था। पिछले 18 महीनों थिएटर पर से एक भी फिल्म रिलीज नहीं हुई है। ऐसे में वो बैकलॉग की सारी फिल्में अब रिलीज हो रही हैं। निर्माताओं ने कहा है कि उनकी फिल्मों में दम हैं। उन्हें देखने लोग आएंगे। यह जरूर है कि फिल्मों की भीड़ काफी है तो दर्शकों को अपनी ओर ध्यान आकृष्ट करने में खासा एफर्ट डालना होगा। एक और डेवलपमेंट है कि जैसे ‘पुष्पा’ की ’83’ से क्लैश टली है, ठीक वैसे ही और भी क्लैशेज टलने को हैं।”