6 सितंबर को हरतालिका तीज:सुहागिन महिलाएं करेंगी देवी पार्वती की पूजा
शुक्रवार, 6 सितंबर को महिलाओं का महा व्रत हरतालिका तीज है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर ये व्रत किया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जल रहती हैं यानी अन्न के साथ ही पानी का भी त्याग करती हैं। जीवन साथी के सौभाग्य, लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना से देवी पार्वती की पूजा करती हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, इस तिथि पर महिलाएं देवी पार्वती का सुंदर श्रृंगार करें और सुहाग की चीजें जैसे लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, कुमकुम, आभूषण आदि जरूर चढ़ाएं।
जानिए इस व्रत में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…
जो महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत करती हैं, उन्हें सुबह जल्दी उठना चाहिए और पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। स्नान करते समय सभी तीर्थों का और पवित्र नदियों का ध्यान भी करना चाहिए। पानी में थोड़ा सा गौ मूत्र भी मिला लेंगे तो बहुत शुभ रहेगा।
स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं और घर के मंदिर में गणेश पूजन के बाद शिव-पार्वती की पूजा करें। पूजा में भगवान का दूध, दही, घी, जल, से अभिषेक करें। बिल्व पत्र, हार-फूल, धतूरा, दूर्वा, आंकड़े के फूल, गुलाब चढ़ाएं। देवी-देवता का वस्त्र और हार-फूल से श्रृंगार करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं। शिव-पार्वती के सामने हरतालिका व्रत करने का संकल्प लें।
जो महिलाएं ये व्रत कर रही हैं, उन्हें दिनभर पानी भी नहीं पीना चाहिए। जिन महिलाओं के लिए भूखे-प्यासे रहना संभव नहीं है, वे फलाहार और दूध का सेवन कर सकती हैं। बीमार, गर्भवती महिलाओं को व्रत करने से बचना चाहिए, इन्हें विधि-विधान से पूजा-पाठ करनी चाहिए।
हरतालिका तीज पर सुबह-शाम पूजा करनी चाहिए और दिनभर शिव-पार्वती का ध्यान करते हुए मंत्र जप करना चाहिए। भगवान की कथाएं पढ़ें-सुनें। संतों के प्रवचन सुनें, शिवपुराण कथा सुनें।
देवी पार्वती को पूजा में लाल चूड़ियां, लाल चुनरी, कुमकुम, लाल फूल, इत्र, सिंदूर, हल्दी जरूर चढ़ाएं और पूजा के बाद ये चीजें जरूरतमंद सुहागिन महिला को दान करें।
हरतालिका तीज व्रत से मिल सकते हैं ये पुण्य लाभ
इस व्रत से महिलाओं के जीवन साथी को लंबी उम्र, सौभाग्य और अच्छी सेहत मिल सकती है।
जो कन्याएं अविवाहित हैं, वे भी सुयोग्य और मनचाहा वर पाने की कामना से ये व्रत कर सकती हैं।
महिलाओं के साथ ही पति भी अपनी पत्नी के सुखी जीवन, सौभाग्य की कामना से ये व्रत कर सकते हैं।