अफगानिस्तान में क्रूरता की हद पार:तालिबान ने एक बच्चे को जान से मारा; पिता पर अफगान रेजिस्टेंस फोर्स के लिए काम करने का शक था
काबुल1 अफगानिस्तान में तालिबान की क्रूरता का रोज नया चेहरा सामने आ रहा है। इस बार मामला एक बच्चे की बेरहमी से हत्या का है। तालिबान ने इस बच्चे को इस शक में मार डाला कि उसके पिता अफगान रेजिस्टेंस फोर्स का हिस्सा थे।
अफगानिस्तानी मीडिया पंजशीर ऑब्जर्वर ने यह वीडियो ट्वीट किया। इसमें बच्चे का गोली लगा शव जमीन पर पड़ा दिख रहा है और उसके आस-पास छोटे बच्चे रो रहे हैं। बताया जा रहा है कि बच्चे के पिता ने अफगानियों पर तालिबान की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई थी।
झूठे साबित हुए तालिबान के सारे वादे
15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने वादा किया था कि वह कोई बदला लेने वाली कार्रवाई नहीं करेगा। लेकिन तालिबान अपने सारे वादों से मुकर गया है। हाल ही में उसने ऐलान किया था कि लोगों को गलती का सबक सिखाने के लिए उन्हें सजा दी जाती रहेगी। इस सजा में हाथ काटने से लेकर जान लेना तक शामिल होगा।
पंजशीर की सेना की मदद करने वालों को निशाना बना रहा तालिबान
एक अमेरिकी मीडिया ने बताया कि तालिबान के लड़ाके उन लोगों को निशाना बना रहे हैं जिन्होंने तालिबान के खिलाफ सरकार और नॉर्दर्न फ्रंटियर सेना का साथ दिया था। पंजशीर के एक युवक ने बताया कि उसके परिवार पर पांच बार हमला किया गया है।
वहीं पंचशील के एक स्थानीय रहवासी ने बताया कि तालिबानी अफगानिस्तान की पिछली सरकार के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछते हैं। लोगों के मोबाइल छीनकर उसकी जांच करते हैं। अगर उन्हें कोई संदिग्ध तस्वीर मिलती है, तो वे उस व्यक्ति को मार देते हैं।
दाढ़ी नहीं काटने का आदेश
सोमवार को तालिबान में नाइयों को दाढ़ी नहीं काटने के आदेश दिए गए हैं। उनका कहना है कि ये शरीयत के खिलाफ है। दरअसल, तालिबान इस्लामी शरिया कानून को अफगानिस्तान में फिर से लागू कर रहा है। इससे पहले भी तालिबान 1996 से 2001 तक इसे लागू कर चुका है। शरिया कानून मानवाधिकारों को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के विपरीत है और इसका उल्लंघन करने वालों को सख्त सजा दी जाती है।