केजरीवाल बोले- जमानत रद्द करना न्याय की विफलता के समान
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (10 जुलाई) को हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में कहा- मेरी जमानत रद्द करना न्याय की विफलता के समान है। मैं विच हंट का शिकार हुआ हूं। दरअसल, जानबूझकर किसी व्यक्ति को परेशान करना विच हंट का शिकार होना कहलाता है। यह राजनीतिक विरोधी भी हो सकता है।
हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में केजरीवाल ने कहा- ED कस्टडी के दौरान जांच अधिकारी ने कोई खास इन्टेरोगेशन (पूछताछ) नहीं किया। एक राजनीतिक विरोधी को परेशान और अपमानित करने के लिए अवैध रूप से गिरफ्तारी की गई है।
मामले को लेकर जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने अब ED से जवाब दाखिल करने को कहा है। केस की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। केजरीवाल पर ED के अलावा CBI का केस भी चल रहा है। शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर CBI ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया था।
केजरीवाल को शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 20 जून को ट्रायल कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके खिलाफ ED ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने 25 जून को ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।