फर्जी फार्मा कंपनियों की हकीकत:इंदौर में स्पेलिंग में मामूली फेरबदल और कमीशन के दम पर डुप्लीकेट दवाओं का कारोबार, जिस कंपनी को असम में दिखाया वह है ही नहीं

फर्जी फार्मा कंपनियों की हकीकत:इंदौर में स्पेलिंग में मामूली फेरबदल और कमीशन के दम पर डुप्लीकेट दवाओं का कारोबार, जिस कंपनी को असम में दिखाया वह है ही नहीं
इंदौर। अब ड्रग लैबोरेटरी की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि डुप्लीकेट दवाइयों में कौन से ड्रग्स हैं और ये कितने घातक हैं। – Dainik Bhaskar
अब ड्रग लैबोरेटरी की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि डुप्लीकेट दवाइयों में कौन से ड्रग्स हैं और ये कितने घातक हैं।

इंदौर में क्राइम ब्रांच और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने फर्जी कंपनियों के नाम से सस्ती दवाइयों को बनाकर बेचने के मामले में दो दुकानदारों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले में 12 से ज्यादा दुकानदार और कंपनियों की दवाइयां जांच के घेरे में हैं। इन दुकानदारों से लिए गए सैंपल ड्रग टेस्टिंग लैबोरेटरी भेज गए हैं। ऐसे ही गर्भाधान संबंधित दवाई Duphaston Tablets के मामले में असम ड्रग कंट्रोलर से जानकारी मांगी गई है कि दवा निर्माता कंपनी वहां है भी या नहीं, हालांकि इंदौर में अधिकारियों ने अपने स्तर पर सर्च किया तो असम की कोई कंपनी नहीं पाई गई।

खास बात यह कि फर्जी कंपनियों के नाम से डुप्लीकेट और सस्ती दवाई बेचने वाले दुकानदार सिर्फ दवा बाजार नहीं, शहर के अन्य स्थानों पर भी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि कंपनी व दवाइयों की स्पेलिंग में मामूली हेरफेर, ड्रग्स व कमीशनखोरी के घालमेल से डुप्लीकेट दवाइयों का यह अवैध कारोबार चल रहा है।

मामले में क्राइम ब्रांच और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशिन सबूत जुटा रही है, ताकि केस में कोर्ट में कमजोर न रहे। वैसे अब ड्रग लैबोरेटरी की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि डुप्लीकेट दवाइयों में कौन से ड्रग्स हैं और ये कितने घातक हैं।

सबसे पहले इस पूर्णिमा मेडिकल एजेंसी पर हुई थी छानबीन।
सबसे पहले इस पूर्णिमा मेडिकल एजेंसी पर हुई थी छानबीन।
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एबोट कंपनी की अधिकृत एजेंसी ने औषधि प्रशासन के अधिकारियों को सूचना दी कि उनकी कंपनी गर्भाधान से संबंधित Duphaston Tablets बनाती है व उसी नाम की दवाइयां इंदौर में कुछ दुकानों पर सस्ती कीमत पर बेची जा रही है।

इस पर क्राइम ब्रांच ने जितेन्द्र सोनी निवासी क्लर्क कॉलोनी से Duphaston Tablets की पर्चियां हासिल की गई। पूछताछ में उसने शहनवाज खान द्वारा Duphaston Tablets के 1600 रुपए प्रति बॉक्स के रेट में देना बताया। शहनवाज से पूछताछ की तो उसने दिल्ली के रामकुमार दुबे एवं आगरा के पवन मेडिकल से 1200 रु. प्रति बॉक्स में लेना बताया, जबकि Duphaston Tablets एबोट्स कंपनी की कीमत मार्केट में 6100 रुपए प्रति बॉक्स है।

अभी सिर्फ धोखाधड़ी की धाराएं, ड्रग व कॉपी राइट एक्ट की जांच
ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने दोनों से पूछताछ के आधार पर दवा बाजार में पूर्णिमा मेडिकल एजेंसी पर छापा मारा और मामला सही पाए जाने पर केस दर्ज किया। इसके बाद रविवार को सांवरिया मेडिकल के संचालक राकेश मुकाती के खिलाफ केस दर्ज किया, हालांकि इन दोनों मामलों में पुलिस ने अभी धोखाधड़ी की धाराएं लगाई हैं, जबकि ड्रग लेबोरेटरी व असम ड्रग कंट्रोलर से जानकारी मिलने के बाद अगर गड़बड़ी मिली तो फिर ड्रग एक्ट, कॉपी राइट आदि की धाराएं बढ़ाई जाएंगी।

विभाग ने पहले दौर में शिफा मेडिकल, अग्रवाल मेडिकल स्टोर, अनस मेडिकल, अन्नपूर्णा मेडिकल, न्यू अन्नपूर्णा मेडिकल, यश मेडिकल, आजाद मेडिकल, सादली मेडिकल, गुडलक मेडिकल, गजब मेडिकल, एवन मेडिकल, चिराग मेडिकल व सांवरिया मेडिकल स्टोर से Duphaston Tablets, PECAF-AZ , MOXIME-AZLB , GEFIX-AZLB , FINOZAX-LB TABLETS आदि सैंपल लिए हैं।

ये दुकानें दवा बाजार, नार्थ राजमोहल्ला, जवाहर मार्ग, लोधीपुरा, सिलावटपुरा, ग्रेटर कैलाश मार्ग आदि क्षेत्रों में हैं। इसके अलावा अन्य दुकानों के बारे में भी जानकारी मिली है, जिसकी जांच पड़ताल चल रही है। मामले में एडीएम अभय बेड़ेकर व एएसपी (क्राइम) गुरुप्रसाद द्वारा केस की मॉनिटरिंग की जा रही है।

दवाइयों के सैंपल जो जांच के लिए भेजे गए।
दवाइयों के सैंपल जो जांच के लिए भेजे गए।
ये मिली हैं गड़बड़ियां

दुकानदारों के पास इन दवाइयों के बिल नहीं मिले।
दवाइयों की स्ट्रिप्स पर जो नाम लिखा है वहीं पैकिंग बॉक्स में भी लिखा है लेकिन निर्माता कंपनी का जो पता लिखा है वह इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है और न ही कंपनी की अपनी कोई वेबसाइट है। इसके लिए असम के ड्रग कंट्रोलर को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है।
कुछ स्ट्रिप्स व बॉक्स पर लिखे नामों व पतों में स्पैलिंग व पते में मामूली हेरफेर है।
जो दवाइयां हैं उनमें कौन से ड्रग्स हैं, यह उस पर लिखा है लेकिन कम कीमत पर कैसे बेची जा रही थी? गर्भाधान की Duphaston Tablets का बॉक्स 6100 रु. में मिलता है लेकिन ये दुकानदार 1200 से 1600 रु. में दे रहे थे। इसका मतलब दवाई में जो वास्तविक ड्रग्स होने चाहिए उनकी बजाय अन्य सस्ते ड्रग हो सकते हैं।
बड़े दुकानदार खेरची दुकानदार को महंगी दवाई में 25% छूट देते हैं। इसके चलते कुछ दुकानदारों ने यह गोरखधंधा शुरू किया है ताकि कम रेट के चलते ज्यादा से ज्यादा दुकानदार इनसे ही खरीदे।
ये हैं वे दवाइयां और उनके उपयोग, अभी सैंपल जांच में

Duphaston Tablets : गर्भाशय की वृद्धि के कारण होने वाली समस्या और प्रोजेस्ट्रोन के कम स्तर के कारण बांझपन का इलाज करने के लिए किया जाता है।
PECAF-AZ : इसका उपयोग बैक्टीरिया के कारण होने वाले हल्के संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। यह बैक्टीरिया को आगे नहीं बढ़ने देता। किसी के संक्रमण की गंभीरता के आधार पर 5 से 14 दिनों के लिए य ह दवाई ली जा सकती है
MOXIME-AZLB : कान में संक्रमण, टॉन्सिल, स्किन इन्फेशन, गठिया के इलाज के लिए किया जाता है।
CEFIX-AZLB : छाती के संक्रमण जैसे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया के इलाज के लिए।
FINOZAX-LB TABLETS : लूज मोशन रोकने के लिए। इन सभी दवाइयों की रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

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