- मवेशियों के घास खाने आने से रहती है हादसे की आशंका
बैतूल। बैतूल से भोपाल तक बन रही फोरलेन सड़क में भारत भारती से बागदेव तक सड़क निर्माण कर रही पूना की जितेन्द्र सिंह कंपनी द्वारा सड़क निर्माण में तो देरी की ही जा रही है जितनी सड़क बन गई है उसे भी पूरा नहीं किया जा रहा है। जितनी सड़क पूरी बन गई है उसमें भी डिवाइडर में पौधे नहीं लगाए गए जिससे दोनों सड़कों के बीच बने डिवाइडर में घास और गाजरघास के बगीचे तैयार हो गए है। डिवाइडर में लगी घास खाने आए दिन मवेशी फोरलेन सड़क पर आ जाते है जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। फोरलेन सड़क पर मवेशियों के आ जाने से पूर्व में भी कई सड़क हादसे हो चुके है।
भारत भारती से बागदेव (इटारसी) तक फोरलेन सड़क बनाने का ठेका पूना की जितेन्द्र सिंह कंपनी को मिला है। कंपनी द्वारा निर्धारित समय सीमा पूर्ण हो जाने के बावजूद अभी आधा काम भी नहीं किया गया। कंपनी द्वारा भारत भारती से होटल मेघना पाढर तक फोरलेन सड़क भी बना ली है। लेकिन इसे पूर्ण नहीं किया गया है। फोरलेन की दोनों सड़कों के बीच लगभग दस फीट चौड़े डिवाइडर बनाए गए है। कंपनी को इन डिवाइडर में फूलदार पौधे लगाना है। लेकिन कंपनी द्वारा साकादेही से पाढर के बीच डिवाइडर में एक भी पौधे नहीं लगाए है। हालत यह हो गई है कि डिवाइडर में घास और गाजरघास उग गई है। गाजरघास के पौधों की ऊंचाई भी तीन फिट तक हो गई है। इसके साथ ही घास भी लगी है। दोनों लेन के बीच डिवाइडर में घास लगने से आसपास के गांव के गाय, बैल, भैंस, बकरी सहित अन्य मवेशी फोरलेन सड़क क्रास करके डिवाइडर के बीच में घास खाने आ जाते है। फोरलेन सड़क पर वाहनों की स्पीड अधिक रहती है ऐसे में सड़क पर अचानक मवेशियों के आ जाने से कई बार वाहन चालक वाहन कंट्रोल नहीं कर पाते है जिससे सड़क हादसे हो जाते है या फिर कई बार वाहन चालकों को इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ता है जिससे पीछे आ रहे वाहन टक्कर मार देते है। सोमवार रात में ऐसे ही एक हादसे में पाढर निवासी एक होनहार डॉक्टर की मौत हो गई। इसके पूर्व भी इस मार्ग पर कई सड़क हादसे हो चुके है। क्षेत्र के जागरूक नागरिकों और फोरलेन सड़क पर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों ने फोरलेन सड़क पर मवेशियों को आने से रोकने डिवाइडर के बीच लगी घास गाजरघास कटवाने और डिवाइडरों में पौधे लगवाने की मांग एनएचएआई से की है।