भारत में इस समय गणेश उत्सव की धूम चल रही है। हर जगह गणेश जी की मूर्तियां विराजमान हैं और गलियों में गणपति बप्पा के भजन गूंजते रहते हैं। भाद्रपद के महीने में गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की स्थापना की जाती है और इसके दस दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की विदाई की जाती है। इस साल गणपति विसर्जन 19 सितंबर के दिन है। इस दिन ढोल-नगाड़ों के साथ गणपति बप्पा की मूर्ति को जल में प्रवाहित किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु के अनन्त रूप की पूजा होती है। कई लोग उपवास रखते हैं और पूजा के दौरान पवित्र धागा बांधते हैं।
क्या है अनन्त चतुर्दशी शुभ मुहूर्त
अनन्त चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 8 मिनट से 20 सितम्बर की सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।
कैसे करें गणेश विसर्जन
अनन्त चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करें। उन्हें मोदक और फल का भोग लगाएं, आरती उतारें और उनसे विदा लेने की प्रार्थना करें। अब एक पटरी में गुलाबी कपड़ा बिछाएं और उस पर गंगाजल छिड़क कर उसे पवित्र कर लें। अब गणेश जी की प्रतिमा को लकड़ी के पटरे पर रखें। साथ में फल फूल, कपड़े और मोदक भी रखें। अब चावल, गेहूं और पंचमेवा रखकर एक पोटली तैयार करें और उसमें कुछ सिक्के भी डालें। यह पोटली भी गणेश जी की प्रतिमा के साथ रखें। अब गणेश जी को विसर्जन के लिए ले जाएं। विसर्जन से पहले एक बार फिर गणेश जी की आरती करें और उनसे अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना करें। अपने परिवार की खुशहाली और मनोकामना पूरी करने की मन्नत मागें और गणेश जी की मूर्ति को जल में विसर्जित कर दें।
क्या है गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
19 सितंबर को 05 बजकर 59 मिनट पर चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी और 20 सितंबर को 05 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान आप 5 मूहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन कर सकते हैं। पहला मुहूर्त सुबह 7 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इसके बाद दोपहर 1 बजकर 46 मिनट से 3 बजकर 18 मिनट तक गणेश विसर्जन किया जा सकता है। शाम में 6 बजकर 21 मिनट से रात 10 बजकर 46 मिनट तक भी गणेश विसर्जन का मुहूर्त है। आप रात में 1 बजकर 43 मिनट से 3 बजकर 12 मिनट के बीच भी गणेश प्रतिमा पानी में विसर्जित कर सकते हैं। इसके अलावा 20 सितंबर दिन सोमवार को सुबह 4 बजकर 40 मिनट से 6 बजकर 08 मिनट के बीच भी गणेश विसर्जन किया जा सकता है।