शिक्षक ने 5 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण कर खुदवाये दो तालाब
अतिक्रमण की जानकारी जुटाने जंगल की खाक छान रहे अफसर
बैतूल। मध्यप्रदेश वनविकास निगम की चोपना रेंज में ग्रामीणों द्वारा लगभग 30 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों द्वारा वनभूमि पर दर्जन भर से अधिक टप्पर बनाकर निवास करने के साथ ही वहां खेती भी की जा रही है। अतिक्रामकों में एक शिक्षक का नाम भी सामने आया है। बताया जाता है कि घोड़ाडोंगरी विकासखंड के डुलारा ग्राम के शासकीय प्रायमरी स्कूल में पदस्थ शिक्षक बलवंत पिता जंगलू द्वारा लगभग 5 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण कर वहां अवैध रूप से दो तालाबों का खनन करवाया गया। शिक्षक द्वारा वनभूमि पर खेती की जा रही है। वनविकास निगम की वनभूमि पर अतिक्रामकों द्वारा पैर पसारने की सूचना मिलते ही निगम के अफसर जंगलों की खाक छानकर अतिक्रमण की जानकारी जुटाने में लगे हुए है। बताया जाता है कि वनविकास निगम के अधिकारियों ने बैतूल कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को वनभूमि पर अतिक्रमण होने की जानकारी दी है।
हटाने के बाद ग्रामीणों ने पुन: किया अतिक्रमण
प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विकास निगम अंतर्गत चोपना रेंज में वर्ष 2008 से 2010 के दौरान ग्रामीणों द्वारा वनभूमि पर अतिक्रमण करने के प्रयास शुरू किये थे। उस दौरान ग्रामीणों ने वन भूमि पर 3-4 टप्पर बनाये थे। जिसकी जानकारी मिलते ही वन विकास निगम के अमले ने सख्ती बरतते हुए अतिक्रमण हटा दिया था। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक अतिक्रामक द्वारा हाईकोर्ट में रिट भी दायर की गई थी। जिसके बाद में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही स्थगित कर दी थी। परिणाम स्वरूप ग्रामीणों ने पुन: वन विकास निगम के वन क्षेत्र में अतिक्रमण करना शुरू कर दिया था। वर्तमान स्थिती में वन विकास निगम के चोपना रेंज के कम्पाटमेंट नंबर 417 बादलपुर बीट में ग्रामीणों ने लगभग 30 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण कर दर्जन भर से अधिक मकान बना लिये है तथा ग्रामीणों द्वारा वनभूमि पर धान, मक्का सहित अन्य फसलों की खेती की जा रही है।
अतिक्रामकों में शिक्षक भी शामिल
वन विकास निगम की चोपना रेंज में वनभूमि पर अतिक्रमण करने वालों में एक शासकीय सेवक भी शामिल है। जिसके द्वारा सर्वाधिक वनभूमि पर अतिक्रमण किया गया है। वन विकास निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घोड़ाडोंगरी विकासखंड के डुलारा ग्राम के शासकीय प्रायमरी स्कूल में पदस्थ शिक्षक बलवंत पिता जंगलू द्वारा निगम की 5 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण कर कच्चा मकान बना लिया है। साथ ही उक्त शिक्षक ने वनभूमि पर दो तालाब भी खुदवा लिये है। जिसमें संग्रहित पानी का उपयोग खेती में सिंचाई करने के लिए किया जा रहा है।
स्थानीय अमले की मिलीभगत की आशंका
वन विकास निगम की चोपना रेंज में ग्रामीणों द्वारा 30 हेक्टर वन भूमि पर अतिक्रमण कर दर्जन भर से अधिक मकान बना लिये तथा दो तालाब खुदवाकर खेती जा रही है। परंतु स्थानीय अमले को अतिक्रमण की भनक तक नहीं लगी। जिससे अतिक्रामकों के साथ ही चोपना रेंज के अमला की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चोपना रेंज के प्रभारी रेंजर पीके शाह बीते लगभग 10-12 वर्षो से उसी रेंज में पदस्थ है। पहले वे चोपना रेंज में डिप्टी रेंजर के पद पर भी पदस्थ रहे है। डिप्टी रेंजर एवं प्रभारी रेंजर के पद पर पदस्थ रहते श्री शाह द्वारा अमले के साथ यदि वन क्षेत्रों की सघन गश्त की जाती तो इतने बड़े पैमाने पर वनभूमि पर अतिक्रमण नहीं होता। बताया जाता है कि वन विकास निगम के अफसर वन भूमि पर हुए अतिक्रमण में प्रभारी रेंजर सहित स्थानीय अमले की भूमिका की भी पड़ताल कर रहे है। इतना ही नहीं पूर्व वर्षो में पदस्थ रहे वन विकास निगम बैतूल के संभागीय प्रबंधकों की कार्यप्रणाली पर भी अतिक्रमण को लेकर सवाल उठाये जा रहे है।
जंगल का सर्वे कर जानकारी जुटा रहे है डावर
वन विकास निगम के चोपना रेंज में वन भूमि पर हुए अतिक्रमण के बारे में उपसंभागीय प्रबंधक एच.एस. डावर ने बताया कि वन क्षेत्र का सर्वे कर अतिक्रमण के संबंध में जानकारी जुटा रहे है। उपसंभागीय प्रबंधक श्री डावर ने बताया कि वर्ष 2008 से 2010 के दौरान ग्रामीणों ने वन भूमि पर अतिक्रमण का प्रयास करते हुए 3-4 टप्पर बनाये थे। जिसे सख्ती से हटा दिया गया है। परंतु हाल ही में ग्रामीणों द्वारा बड़े पैमाने पर वनभूमि पर अतिक्रमण करने की जानकारी प्राप्त हुई है। जिसके बाद संभागीय प्रबंधक के निर्देश पर सर्वे किया जा रहा है। शुरूवाती सर्वे में लगभग 30 हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण करना सामने आया है। सर्वे पूर्ण होने के बाद अतिक्रमण की रिपोर्ट संभागीय प्रबंधक के माध्यम से बैतूल कलेक्टर सहित निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी।