मुलताई। अनंत चतुदर्शी पर रविवार सुबह से लेकर शाम तक भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन होता रहा। इस दौरान गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे श्रद्धालु लगाते रहे। बड़ी संख्या में लोगों ने जागरूकता का परिचय देते हुए घरों के सामने टबों में प्रतिमाओं का विसर्जन किया तो कई लोगों ने ताप्ती तट पर प्रतिमाएं ले जाकर नगर पालिका को सौंपी जहां से नगर पालिका ने बूकाखेड़ी जलाशय ले जाकर विधि विधान से प्रतिमाओं का विसर्जन किया। रविवार तेरस एवं चतुदर्शी साथ में होने से अधिकांश प्रतिमाओं का विसर्जन रात तक कर दिया गया। इस दौरान पूरा नगर भगवान गणेश के जयकारों से गूंजायमान रहा। कहीं लोग अपने साधनों से प्रतिमाओं को विसर्जन स्थल ले गए तो कहीं दोपहिया एवं चारपहिया वाहनों सहित बुलडोजर मशीन पर रखकर प्रतिमाओं को विसर्जन स्थल ले जाया गया। गाजे बाजे के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन सुबह से लेकर रात तक होता रहा ।
बूकाखेड़ी में बेड़े पर रखकर की प्रतिमाएं विसर्जित
नगर पालिका ने नगर से लगभग पांच किलोमीटर दूर छिंदवाड़ा मार्ग पर बूकाखेड़ी जलाशय पर विसर्जन स्थल बनाया था। जहां विसर्जन कि लिए दो बेड़े बनाए गए, साथ ही एक नाव की भी व्यवस्था भ्भी की गई थी। विसर्जन स्थल पर सुरक्षा के लिए जलाशय के पूर्व बेरिकेट्स लगाए गए। साथ ही पुलिसकर्मी तैनात थे। इधर नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा विसर्जन स्थल पर टेंट लगाकर प्रतिमाओं की गणना की जा रही है। नगर पालिका द्वारा विसर्जन स्थल पर प्रकाश की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है ताकि देर रात तक होने वाले विसर्जन में कोई परेशानी ना आ सके। छिंदवाड़ा मार्ग पर स्थित गांवों से भी प्रतिमाएं बूकाखेड़ी जलाशय पर विसर्जन के लिए लाईं जिससे विसर्जन स्थल पर भीड़ रही।
ताप्ती के जल से घरों में हुआ प्रतिमा विसर्जन
ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के अनुसार तालाब आदि में प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक के कारण नगर में श्रद्धालुओं ने ताप्ती तट से जल लाकर घरों में ही ताप्ती जल से प्रतिमाओं का विसर्जन किया। इस दौरान प्रतिमाओं से निकलने वाली मिट्टी में पौधे रोपे गए। नगर के जागरूक अनुसया सेवा संगठन ने भी लोगों को घरों में प्रतिमा विसर्जित करने तथा प्रतिमाओं की मिट्टी में पौधे लगाने के लिए अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया जिससे बड़ी संख्या में लोगों ने घरों में ही प्रतिमा विसर्जित कर उससे निकली मिट्टी में पौधे रोपे।